नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा सचिव जय शाह अब आईसीसी के चेयरमैन बन गए हैं. वह 1 दिसंबर को अपना पद संभालेंगे. उनके स्थान पर बोर्ड को अब नए सचिव की तलाश है. नए नामों को लेकर हलचल तेज हो गई है. इसके अलावा बोर्ड की राजनीति भी अब सामने आ रही है. बीसीसीआई में हर बार बड़े पद पर किसी के चयन के लिए बड़े स्तर पर राजनीति होती है.
बीसीसीआई की बैठक में चर्चा
रविवार को बीसीसीआई की 93वीं वार्षिक आम बैठक हुई. इसमें सदस्यों ने जय शाह से अनुरोध किया कि वे नए सचिव की खोज में तेजी लाएं. हालांकि एजीएम का मुख्य मुद्दा यह नहीं था, लेकिन सदस्यों ने खुले तौर पर इस विषय पर चर्चा की. जय शाह नवंबर के अंत तक पद पर बने रहेंगे. वह एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के भी मुखिया हैं. जय शाह उस पद को भी छोड़ेंगे. उनके स्थान पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी अध्यक्ष बन सकते हैं.
ये दावेदार रेस में आगे
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रोहन जेटली, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार, संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया और गुजरात क्रिकेट संघ के सचिव अनिल पटेल इस पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं.
अरुण धूमल को लेकर बड़ा फैसला
एजीएम की एक अन्य प्राथमिकता आईसीसी बैठकों में भाग लेने के लिए भारत के दो प्रतिनिधियों का नामांकन था. अरुण धूमल और अभिषेक डालमिया को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में सामान्य निकाय के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था. धूमल कम से कम आईपीएल 2025 तक लीग के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे.
वार्षिक बजट को मिली मंजूरी
आंध्र प्रदेश के पूर्व क्रिकेटर वी चामुंडेश्वरनाथ को भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने एक खिलाड़ी प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया था. उन्हें आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल में शामिल किया गया था. एजीएम ने 2024-25 सीजन के लिए वार्षिक बजट को भी मंजूरी दे दी और सदस्यों ने सर्वसम्मति से एक सोसायटी के रूप में बीसीसीआई की कानूनी स्थिति को बनाए रखने का संकल्प लिया.