नई दिल्ली: केंद्र में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई. शपथ ग्रहण समारोह के बाद मोदी सरकार 3.0 अब नए सिरे से काम में जुट गई है. मगर मोदी कैबिनेट 3.0 को लेकर एनडीए में अब खटपट भी शुरू हो गई है. मोदी कैबिनेट 3.0 में जगह नहीं मिलने की वजह से भाजपा के कई सहयोगी दलों की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है. क्या शिवसेना और क्या एनसीपी, मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर आजसू भी नाराज है. जी हां, महाराष्ट्र में एनडीए के दो घटक दल एनसीपी और शिवसेना नाराज है. वहीं झारखंड में भाजपा की सहयोगी आजसू ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में कैबिनेट की लड़ाई अब साफ देखने को मिल रही है. शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं. मोदी कैबिनेट में शिवसेना (शिंदे गुट) को एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मिला है. मगर शिवसेना इतने से मानने को तैयार नहीं है. 7 सांसद होने के बावजूद कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की वजह से अब खटपट शुरू हो गई है. शिवेसेना (शिंदे गुट) नेता श्रीरंग बारणे ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि एनडीए में जो पार्टी 4 और 5 सीट जीत कर आई है, उसको कैबिनेट दिया गया है. वहीं, महाराष्ट्र में हमने 7 सीटें जीती हैं लेकिन एक भी कैबिनेट पद नहीं दिया गया है.
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल पर खटपट
हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने श्रीरंग बारणे के बयान का खंडन किया है. उन्होंने बिना शर्त मोदी सरकार को बाहर से समर्थन की बात कही है. उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम सरकार को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं. इस देश को प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व की जरूरत है. सत्ता के लिए कोई सौदेबाजी या बातचीत नहीं है. हमने एक वैचारिक गठबंधन को बिना शर्त समर्थन दिया है. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र निर्माण के महान कार्य को आगे बढ़ाएं. पार्टी, सभी विधायक और सांसद एनडीए के प्रति पूरी निष्ठा से प्रतिबद्ध हैं.’
शिवसेना जैसा एनसीपी का हाल
भले श्रीकांत शिंदे नाराजगी की खबरों का खंडन करें, मगर एनडीए में खटपट और जगह भी दिख रही है. अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज है. सूत्रों का कहना है कि एनसीपी प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में भेजना चाहती थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. भाजपा की ओर से एनसीपी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की पेशकश हुई थी. मगर एनसीपी ने इसे ठुकरा दिया. एनसीपी कैबिनेट मंत्री से नीचे कुछ भी मानने को तैयार नहीं है. बता दें कि प्रफुल्ल पटेल पहले भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. अजित पवार की एनसीपी ने राज्य में 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर उन्हें सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है.
अजित पवार भी नाराज?
सूत्रों की मानें तो अजित पवार गुट के एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को मोदी सरकार में राज्य मंत्री का ऑफर था, मगर उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया कि वह कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और येह उनका डिमोशन होगा. जबसे मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए भाजपा के ऑफर को अजित पवार गुट की एनसीपी ने ठुकराया है, तब से महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल तेज है. अजित पवार की एनसीपी को लेकर अब कयासों का बाजार गर्म हो चुका है. एनसीपी की नाराजगी की वजह यह भी है कि बिहार में जीतन राम मांझी को कैबिनेट में शामिल किया गया है. जबकि उनकी पार्टी ने भी बिहार में एक ही सीट पर परचम लहराया है.
झारखंड में आजसू भी नाराज
वहीं, गिरिडीह लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीतने वाले आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी मोदी सरकार 3.0 में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं. उन्होंने आजसू को केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. उन्होंने कहा कि एनडीए के घटक दलों की बैठक में सभी को उचित प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी. मगर मोदी मंत्रिमंडल में आजसू पार्टी को नजरअंदाज किया गया है. गठबंधन धर्म के तहत सभी दल को सम्मान मिलना चाहिए और पार्टी स्तर पर हम सभी इस मामले पर विचार कर आगे की रणनीति तय करेंगे. हालांकि, आजसू चीफ सुदेश महतो ने अब तक इस पर खुलकर कुछ नहीं बोला है.