नई दिल्ली l ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO बार-बार लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में WHO प्रमुख टेड्रोस एडनॉम ने ओमिक्रॉन के खतरों के बारे में लोगों को आगाह किया है. टेड्रोस ने कहा कि Covid-19 का ओमिक्रॉन वैरिएंट बहुत खतरनाक है, खासतौर से उनके लिए जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन की वजह पूरी दुनिया में मामले बढ़े हैं लेकिन हमें इसके खिलाफ लड़ने की हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.
खतरनाक है ओमिक्रॉन- टेड्रोस ने कहा, ‘हालांकि ओमिक्रॉन डेल्ट की तुलना में कम गंभीर है लेकिन फिर भी ये खतरनाक वायरस है, खासतौर से उन लोगों के लिए जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है. हमें इस वायरस को मुफ्त में घूमने नहीं देना चाहिए वो भी तब जब हमारे आसपास बहुत से लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. अफ्रीका में, 85 प्रतिशत से अधिक लोगों को अभी तक वैक्सीन की एक डोज भी नहीं मिल पाई है. हम महामारी को तब तक खत्म नहीं कर सकते जब तक हम वैक्सीन के इस अंतर को दूर नहीं कर लेते.’
टेड्रोस चाहते थे कि सितंबर 2021 के अंत तक हर देश अपनी आबादी का 10 प्रतिशत, दिसंबर के अंत तक 40 प्रतिशत और 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत का वैक्सीनेशन कर ले. लेकिन 90 देश अभी भी 40 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाए हैं, इनमें से 36 अभी भी 10-प्रतिशत से कम हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग वही हैं जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है.
मौत से बचाती है वैक्सीन- टेड्रोस ने कहा कि वैक्सीन कोरोना के गंभीर मामलों और मौत से बचाती है लेकिन वो संक्रमण को फैलने से पूरी तरह नहीं रोकती है. उन्होंने कहा, ‘अधिक ट्रांसमिशन का मतलब है अस्पतालों में अधिक भर्ती, अधिक मौतें, ज्यादातर लोगों का काम पर ना आ पाना जैसे कि टीचर्स और हेल्थ वर्क्स.
आएंगे और भी वैरिएंट
WHO प्रमुख ने कहा, इतना ही नहीं अभी और भी वैरिएंट के आने का खतरा है जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैल सकते हैं और ज्यादा जानलेवा हो सकते हैं.’ टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना से मौतों की संख्या लगभग 50,000 प्रति सप्ताह हो गई है. उन्होंने कहा, ‘इस वायरस के साथ जीना सीखने का मतलब यह नहीं है कि हम इतनी मौतों को स्वीकार करना शुरू कर दें.
खबर इनपुट एजेंसी से