नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 का जश्न शुरू हो चुका है। उद्घाटन समारोह के साथ 17 दिन पेरिस में दस हजार से ज्यादा एथलीट जीत के लिए जान झोकते नजर आएंगे। इनमें भारत के भी सौ से ज्यादा खिलाड़ी परचम लहराने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ओलंपिक का आयोजन कभी भारत में क्यों नहीं होता है?
दरअसल, इसका एक सीधा सा जवाब ये है कि भारत वर्तमान में 2028 के अंत तक अपने 800 मिलियन नागरिकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर हर साल 2.4 ट्रिलियन रुपये खर्च कर रहा है। यह देखते हुए कि ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारी-भरकम खर्च होता है, ऐसे में देश में इतने बड़े आयोजन का होना काफी मुश्किल भरा होता है।
बड़ी आबादी के साथ स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, भारत अब आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ चुका है, और दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। भारत की आबादी 142.86 करोड़ पहुंच गई है जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है। आबादी समस्या के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं हैं।
अगर किसी देश में ओलंपिक का आयोजन होता है तो वहां कई पर्यटक भी आते हैं। ऐसे में उनके रहने का इंतजाम और उनके सिक्योरिटी उपलब्ध कराना मेजबान देश के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके अलावा मेजबान देश का वह शहर उस तरह से होना चाहिए कि अचानक कई हजारों की संख्या में आए अतिरिक्त लोगों का भार सहन कर सके और यातायात व्यवस्था वगैरह सुचारू रूप से चलती रहे।
ओलंपिक के आयोजन के लिए भेजना होता है नाम
ओलंपिक एक ऐसा गेम है, जिसपर बहुत ही ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। इन सब से अलग किसी भी देश में ओलंपिक गेम्स एक नियम के तहत होते हैं, अगर कोई देश गेम्स कराने के लिए इच्छुक है तो उन्हें अपना नाम भेजना होता है जिसके बाद अगले चरण में ओलंपिक कमिटी के सामने एक मोटी फीस जमा करनी होती है, उसके बावजूद भी आपके पास यह गारंटी नहीं होती कि मेजबानी मिलनी ही मिलनी है। ऐसे में केवल वही देश बीडिंग में हिस्सा लेते हैं जिनको लगता है वे ओलंपिक को कराने में पूरी तरह से सक्षम है।
भारत 2036 में करेगा ओलंपिक की मेजबानी
हालांकि, भारत में पहले से काफी बदलाव हुए हैं और यही कारण है कि वे 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली लगाएंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की अपनी मंशा सार्वजनिक की। प्रधानमंत्री ने अपने एक बयान में कहा कि देश 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए ‘कोई कसर नहीं छोड़ेगा।’
भारत फिलहाल ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है, लेकिन अगर 2036 में इस गेम्स का आयोजन होता है, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया को हमारे पास आने और उन्हें यह दिखाने का अवसर है कि भारत अब पहले वाला भारत नहीं रहा, बल्कि युवाओं का घर है जो दुनिया का चेहरा बनने जा रहे हैं। हमारे आतिथ्य और विरासत के मूल्य प्रदर्शित होंगे। हमारे पर्यटन को भारी बढ़ावा मिलेगा।