नई दिल्ली: भारत आमतौर शादी को जन्म जन्मांतर का रिश्ता माना जाता है, क्योंकि ये एक बेहद पारंपरिक देश है. यहां शादी का मतलब आप हमेशा के लिए उस एक इंसान के लिए हो जाते हैं. भले ही इंडिया डाइवोर्स रेट वेस्टर्न कंट्रीज के मुकाबले काफी कम है, लेकिन पिछले एक दो दशकों से तलाक के मामलों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. आइए समझने की कोशिश करते हैं भारत में शादियां इतनी ज्यादा क्यों टूट रही हैं.
तलाक के बढ़ते मामले के पीछे की वजह
बिजी लाइफस्टाइल
मौजूदा दौर में भागदौड़ और बिजी लाइफस्टाइल की वजह से हस्बैंड और वाइफ के बीच काफी ज्यादा कम्यूनिकेश गैप है. अगर पति और पत्नी दोनों ही ऑफिस जाते हैं और दोनों की टाइमिंग और प्रोफेशनल कमिटमेंट अलग-अलग हैं तो भावनात्मक दूरी बढ़ जाती है, जो कई बार गलतफहमी की वजह भी बन सकती है, ऐसे में तलाक होना ताज्जुब की बात नहीं है.
समाजिक सोच में बदलाव
पहले तलाक को एक बदनुमा दाग समझा जाता था, इसलिए ऐसा फैसला लेना किसी के लिए भी आसान नहीं होता, लेकिन धीरे-धीरे इसे सोसाइटी में अप्रूवल मिलता जा रहा है. खासकर शहरी इलाकों में शादी तोड़ना इतना अजीब नहीं रह गया है.
महिलाओं की अवेरनेस
पिछले कुछ दशकों में महिला साक्षरता दर तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण उन्हें फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट और सशक्त गोने का मौका मिला है. वो अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेना सीख गई हैं. जब शादी के बाद उन्हें जीने का सही अधिकार नहीं मिलता है तो उनके लिए तलाक लेना पहले के मुकाबले आसान होता है क्योंकि अब वो अपने पति के रहम-ओ-करम पर नहीं होती हैं. महिलाओं की लीगल अवेयरनेस भी पहले से ज्यादा है इसलिए वो अपने कानूनी अधिकारों को अच्छी तरह जानती हैं.
इगो प्रॉब्लम्स
आजकल ऐसा अक्सर देखा जाता है कि हस्बैंड और वाइफ दोनों में इगो प्रॉब्लम्स बहुत ही ज्यादा होता है. रिश्ते तभी बचते हैं जब एक इंसान गुस्सा हो, तो दूसरा शांत रहे और मनाने की कोशिश करे. अगर इगो की वजह से दोनों ही दुशमन की तरह बार-बार लड़ेंगे तो जाहिर सी बात है कि शादी नहीं बच पाएगी
लव मैरिज में इजाफा
पहले के जमाने में अमूमन रिश्ते पैरेंस्ट और घर के बड़े रिश्तेदार तय करते थे, इसलिए किसी भी तरह का मनमुटाव होने पर शादी को बचाना उनकी ही जिम्मेदारी होती थी. इसके उलट मौजूदा दौर में पहले के मुकाबले ज्यादा लव मैरिज हो रहे हैं. प्रेम विवाह को लेकर युवा जो सपने देखते हैं वो अक्सर शादी के बाद पूरे नहीं होते. ऐसे में जब वो खुद तलाक का फैसला ले लेते हैं क्योंकि लव मैरिज में आमतौर पर फैमिली सपोर्ट कम मिलता है.