नई दिल्ली। हिन्दू धर्म कई ऐसे पेड़ पौधे हैं, जिन्हें देवी-देवताओं की तरह पूजा जाता है. क्योंकि इनमें देवी-देवताओं का वास होता है, ऐसी मान्यता है. जैसे केले में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, तुलसी में देवी लक्ष्मी और पीपल के पेड़ में शनि देव का. मान्यता है इन पेड़ों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सारे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा क्या कुछ जुड़ा है पीपल और तुलसी की पूजा से आइए जानते हैं आगे आर्टिकल में…
पीपल और तुलसी की पूजा का क्या महत्व है –
पितरों को शांति मिलती है
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पेड़-पौधों में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना गया है. इसलिए लोग इनकी पूजा करते हैं और भोग चढ़ाते हैं. साथ ही यह भी माना जाता है की पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है.
शनि देव प्रसन्न होते हैं
यह भी मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इससे शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है.
वहीं, आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं, तो शनिदेव की कृपा बरसती है. साथ ही आप शनिदेव की कुदृष्टि से भी बचे रहते हैं. इससे उनका आशीर्वाद आप पर बना रहता है.
आध्यात्मिकता बढ़ती है
तुलसी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता को बढ़ावा मिलता है. तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसे घर में रखने से सुख-समृद्धि आती है.
ग्रह दोष दूर होते हैं
आपको बता दें कि तुलसी जी कलयुग की ऐसी देवी हैं जिन्हें आप स्पर्श कर सकते हैं. इनको हर दिन जल चढ़ाने से ग्रह दोष दूर होता है और देवी लक्ष्मी का आपके घर में वास होता है.
सेहत के लिए लाभकारी
इसके अलावा तुलसी की पत्तियां हमारी सेहत को भी फायदा पहुंचाती हैं. इसका काढ़ा पीने से सर्दी-जुकाम बुखार में आराम मिलता है. यह औषधि की तरह काम करती हैं.