नई दिल्ली। इस बार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को है। इस दिन भक्त उपवासी रहते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और उनका जन्म वायु देव की कृपा से हुआ था।
संकटमोचन हनुमान जी शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी पूजा से जीवन में हिम्मत, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जन्मोत्सव हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जो हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल को है। इस दिन भक्त उपवासी रहते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और उनका जन्म वायु देव की कृपा से हुआ था।
हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है, और इन दोनों दिनों का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। इन दिनों हनुमान जी की आराधना करने से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति भी मिलती है। आइए जानते हैं कि क्यों मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा इतनी खास मानी जाती है।
मंगलवार का दिन हनुमान जी के जन्म से जुड़ा हुआ है और इस दिन की पूजा विशेष रूप से शक्ति और साहस के लिए की जाती है। यह दिन मंगल ग्रह से संबंधित है। हनुमान जी मंगल ग्रह के स्वामी हैं जो साहस, और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन उनकी उपासना करने से मंगल दोष दूर होते हैं। इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करने से जीवन में शक्ति और साहस का संचार होता है। यह दिन व्यक्ति को न सिर्फ शारीरिक बल, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी प्रदान करता है, जिससे वह अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए अधिक सक्षम बनता है।
शनिवार
शनिवार का दिन शनि देव के साथ जुड़ा हुआ है और यह दिन हनुमान जी के साथ भी विशेष संबंध रखता है। शनिदेव के प्रकोप से बचने और शांति पाने के लिए हनुमान जी की पूजा शनिवार को की जाती है। हनुमान जी के बारे में यह मान्यता है कि वह शनि के भक्त हैं और उनके आशीर्वाद से शनि की कड़ी सजा और दोष दूर होते हैं। शनिवार को हनुमान जी की पूजा से शनि दोष का निवारण होता है और व्यक्ति को जीवन में शांति और सुख मिलता है।
क्यों है पूजा का महत्व?
मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा से न केवल शारीरिक बल मिलता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। कहा जाता है कि जब रावण ने शनिदेव को कारागार में रखा तो उन्हें हनुमान जी ने ही मुक्त कराया था। इसके बाद शनिदेव ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया था कि शनिवार के दिन जो भी भक्त हनुमान जी की उपासना करेगा, उसे शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलेगी। इन दिनों की पूजा से न सिर्फ शनि दोष समाप्त होते हैं, बल्कि हर प्रकार के दुखों से मुक्ति भी मिलती है।मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा न केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह जीवन में एक नई ऊर्जा और शांति का आह्वान भी है। इन दिनों की पूजा से हर भक्त को हर संकट से उबरने की शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।