नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 में से 70 सीटों के लिए दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होना है. दूसरे चरण के मतदान से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा दांव चल दिया है. सीएम बघेल ने फिर से सरकार बनने पर महिलाओं के लिए गृह लक्ष्मी योजना शुरू करने का ऐलान किया है. सीएम बघेल ने कहा है कि इस योजना के तहत महिलाओं को 15 हजार रुपये वार्षिक दिए जाएंगे.
सीएम बघेल ने ये ऐलान दिवाली के दिन किया और कहा कि किसी को इसके लिए आवेदन नहीं करना होगा. कांग्रेस इसे छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए दिवाली गिफ्ट बता रही है, लेकिन सवाल इस ऐलान की टाइमिंग को लेकर उठ रहे हैं. ऐसे समय में जब पहले चरण की 20 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है, सीएम भूपेश बघेल को महिलाओं के लिए नई योजना शुरू करने का वादा क्यों करना पड़ा?
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भूपेश बघेल के इस दांव के पीछे क्या है? इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. एक वजह प्रमुख वजह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ में महिलाओं के लिए किया गया वादा भी है. बीजेपी अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 12 हजार रुपये सालाना देने का वादा कर चुकी है.
महिला आरक्षण को भी बीजेपी अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के बीच लेकर जा रही है. महिला मतदाताओं को बीजेपी का साइलेंट वोटर भी कहा जाता है. ऐसे में कहा ये जा रहा है कि कांग्रेस को कहीं न कहीं ये डर था कि कहीं महिला मतदाता छिटक कर बीजेपी के साथ न चली जाएं और इसीलिए सीएम बघेल को छत्तीसगढ़ गृह लक्ष्मी योजना का वादा करना पड़ा.
पहले चरण के मतदान से तो कनेक्शन नहीं?
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 20 सीटों के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था. ये सीटें उसी बस्तर रीजन की हैं, जहां से खुद सीएम बघेल भी आते हैं. पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह जिस राजनांदगांव सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह भी इसी रीजन में आती है. इन 20 सीटों पर कुल 76.47 फीसदी वोटिंग हुई है. पिछले आंकड़ों की बात करें तो इन 20 सीटों पर 2018 और 2013 में 75.3 फीसदी वोटिंग हुई थी.
पिछले चुनाव के मुकाबले इसबार एक फीसदी अधिक वोटिंग हुई है. वोटिंग पैटर्न के मुताबिक पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक मतदान को बदलाव का संकेत माना जाता है. हालांकि, ये हर बार सही ही नहीं होता. छत्तीसगढ़ चुनाव में ही 2008 और 2013 के आंकड़े इस बात के गवाह हैं. 2008 के 70.6 के मुकाबले 2013 में इन सीटों पर 75.3 फीसदी वोटिंग हुई लेकिन बीजेपी अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाने में सफल रही.
पहले चरण की 20 में 16 सीटों पर महिलाएं अधिक
पहले चरण में जिन 20 सीटों पर मतदान हुआ था, उनमें से 16 सीटें ऐसी हैं जहां महिला मतदाताओं की तादाद अधिक है. बस्तर रीजन की बस्तर, कवर्धा, मानपुर, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, राजनांदगांव, खुज्जी, पंडरिया, जगदलपुर, चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की तादाद अधिक है.
छत्तीसगढ़ में पुरुषों से अधिक महिला मतदाता
कांग्रेस के इस दांव की एक वजह सूबे में पुरुषों की तुलना में अधिक महिला मतदाताओं का होना भी है. सूबे में कुल मिलाकर 2 करोड़ 3 लाख 60 हजार 240 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की तादाद 1 करोड़ 1 लाख 20 हजार 830 पुरुष मतदाता हैं. महिला मतदाताओं की तादाद 1 करोड़ 2 लाख 39 हजार 410 है जो पुरुषों के मुकाबले 1 लाख 18 हजार 580 अधिक है. ऐसे में हर दल की नजर महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने की ओर है.
मध्य प्रदेश में शिवराज पहले ही चल चुके दांव
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने इसी साल मार्च महीने में महिलाओं के लिए लाडली योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को सरकार की ओर से 1250 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. मध्य प्रदेश के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में लाडली बहनों को आवास देने का भी वादा किया है. मध्य प्रदेश की इस योजना का रिस्पॉन्स देख बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया था.
अब बघेल सरकार ने शिवराज के फॉर्मूले पर 15000 सालाना देने का वादा कर दिया है जो महीने के हिसाब से 1250 रुपये ही बैठता है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का ये दांव कितना असर डालता है, ये तो 3 दिसंबर की तारीख ही बताएगी जब वोटों की गिनती होगी और 90 विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे.