पूर्णिया. पूर्व सांसद पप्पू यादव के कारण पूरे देश में हॉट सीट बना पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र इन दिनों सुर्खियों में है. सुर्खियों के पीछे मुख्य वजह है इंडि गठबंधन में राजद से बीमा भारती को टिकट मिलना. वहीं पूर्व सांसद व जन अधिकार पार्टी से कांग्रेस में विलय करने वाले पूर्व जाप सुप्रीमो पप्पू यादव अपनी प्रतिष्ठा की सीट मान चुके थे. वह जान तक देने की बात कर रहे थे. लेकिन, यह सीट ही राजद के खाते में चली गई और पप्पू यादव की उम्मीदों पर पानी फिर गया. दूसरी ओर, बीमा भारती जदयू छोड़कर राजद में शामिल हो गईं और इसके तुरंत बाद लालू प्रसाद यादव ने बीमा भारती को पूर्णिया से राजद का प्रत्याशी बना दिया और उन्हें सिंबल भी दे दिया. बीमा भारती को सिंबल मिलते ही पप्पू यादव नाराज हो गए थे. तब उन्होंने कहा था कि कुछ भी हो जाए वह जान दे देंगे, लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. वह आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन अपनी मां पूर्णिया से अलग नहीं होंगे. पप्पू यादव चीख-चीखकर अपनी गुहार कांग्रेस और लालू यादव से लगाते रहे, लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
पांच बार विधायक रह चुकी है बीमा भारती- बीमा भारती पूर्णिया लोकसभा के अंतर्गत रुपौली विधानसभा से पांच बार विधायक रह चुकी हैं. जिसमें एक बार निर्दलीय, एक बार राजद से तो तीन बार जदयू की विधायक रह चुकी हैं. साथ ही वह कैबिनेट की मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं, पप्पू यादव की बात करें तो पप्पू यादव भी एक बार विधायक और पांच बार सांसद रह चुके हैं. इसमें तीन बार पूर्णिया से और दो बार मधेपुरा सीट से सांसद रह चुके हैं. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव को मधेपुरा में करारी हार झेलनी पड़ी थी और वह महज 97000 वोट लाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे.
‘प्रणाम पूर्णिया’ पर लालू का आशीर्वाद भारी
दूसरी ओर पप्पू यादव पिछले 1 साल से पूर्णिया के गांव-गांव में जाकर लोगों से जनसंपर्क करते रहे हैं. हाल ही में पप्पू यादव ‘प्रणाम पूर्णिया’ रैली कर अपनी राजनीतिक ताकत भी दिखाने का प्रयास किया था. इसके बाद अचानक पप्पू यादव पहले लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिले और दूसरे ही दिन दिल्ली में जाकर अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की घोषणा कर दी. पप्पू यादव को उम्मीद थी कि कांग्रेस और लालू यादव उन्हें पूर्णिया से अपना उम्मीदवार बनाएंगे, लेकिन अचानक बीमा भारती ने सारा खेल बिगाड़ दिया.
लालू की पुरानी राजनीति में पिछड़ गए पप्पू
दरअसल, इस सब के पीछे लालू यादव की पुरानी राजनीति सामने आ रही है. लालू यादव ‘माय’ समीकरण के साथ ओबीसी को जोड़कर पूर्णिया की सीट को अपने पाले में करना चाहती है. बीमा भारती भी ओबीसी गंगौंता जाति से आती हैं. उसने अब ओबीसी का कार्ड भी खेलना शुरू कर दिया है. बीमा भारती अपने प्रचार में कह रही हैं कि नीतीश कुमार ने उनके पति और बेटा को जेल भेज दिया. उनको यानी अति पिछड़ा महिला को अपमानित करने का काम किया. वह कहती हैं कि लालू यादव ने एक महिला को टिकट देकर महिला का सम्मान बढ़ाया है.
‘माय’ के साथ ही यह कार्ड भी खेल रहीं बीमा भारती
वह एक तरफ जहां आधी आबादी का कार्ड खेल रही हैं तो दूसरी तरफ ‘माय’ समीकरण के साथ ओबीसी का भी हवाला दे रही हैं. साथ ही कहती हैं कि उन्हें हर समुदाय और हर जाति का समर्थन है. हालांकि, पप्पू यादव भी माय के साथ-साथ सभी जातियों में अपना वोट का दावा कर रहे हैं. लेकिन, कहीं ना कहीं लालू यादव को पप्पू यादव से ज्यादा बीमा भारती पर भरोसा दिख रहा है. इसके पीछे मुख्य वजह है मुस्लिम, यादव के साथ पिछड़ी जाति का समीकरण. बता दें कि मंडल जाति की संख्या पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में करीब 10% है. इसमें सिर्फ गंगोता जाति जो बीमा भारती की जाति है, वह करीब 75000 है.
जातिगत आंकड़े में बीमा भारती भारी
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के आंकड़े की बात करें तो पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में कुल 1890597 मतदाता हैं. इसमें 974762 पुरुष और 915762 महिला के अलावा 73 थर्ड जेंडर भी हैं. बीमा भारती इसी आधी आबादी पर अपना दावा ठोक रही है. पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में अगर जातिगत आंकड़े की बात करें तो यहां मुस्लिम करीब 24%, यादव 7%, एससी और एसटी मिलकर 21%, सवर्ण 11% , मंडल 10 प्रतिशत, आदिवासी 4% के अलावा कुशवाहा, कोयरी कुर्मी की भी अच्छी खासी जनसंख्या है. वहीं, वैश्य समुदाय भी पूर्णिया की राजनीति में अहम स्थान रखती है. ऐसे में देखना है कि संतोष कुशवाहा वर्सेस बीमा और पप्पू में कौन बाजी मारता है. जीत का सेहरा जनता किसके गले डालती है.
लालू यादव की बात नहीं माना पप्पू को पड़ा भारी
बताया जा रहा है कि लालू यादव ने पप्पू यादव को जन अधिकार पार्टी का विलय राजद में करने का ऑफर दिया था. लेकिन, पप्पू यादव ने तब उनकी बात नहीं मानी और अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया. बताया जा रहा है कि उस वक्त से ही लालू यादव नाराज थे और मौके की ताक में थे. पहले मधेपुरा और फिर सुपौल से उनको लड़ने का ऑफर दिया, लेकिन अब तो ये पूर्णिया, मधेपुरा और सुपौल सीट ही राजद के खाते में चली गई. जाहिर तौर पर यह पप्पू यादव के लिए बड़ा झटका है और लालू यादव को सीधा ना कह देना उनके लिए भारी पड़ गया.
बीमा भारती पर जदयू के नेता हमलावर
हालांकि, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा बीमा भारती के आरोप को सिरे से खारिज करते हैं. उमेश कुशवाहा ने कहा कि बीमा भारती को नीतीश कुमार ने कैबिनेट मंत्री बनाकर सम्मान देने का काम किया था, लेकिन फ्लोर टेस्ट में बीमा भारती ने क्या किया सबने देखा. उमेश कुशवाहा ने तो यहां तक कहा कि बीमा भारती पैसे के लोभ में पड़ गईं.
एनडीए से संतोष कुशवाहा ने किया नामांकन
वहीं, एनडीए गठबंधन की तरफ से जदयू के सांसद संतोष कुशवाहा ने नॉमिनेशन की तारीख के पहले दिन ही पूर्णिया से अपना नामांकन भी कर दिया है. संतोष कुशवाहा पहले भी दो बार सांसद और एक बार बायसी विधानसभा से विधायक रहे हैं. सभी जातियों में वह अपनी पैठ बता रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन की सरकार और विकास के नाम पर संतोष कुशवाहा अपनी ताल ठोक रहे हैं और चार लाख से अधिक वोटो से अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं.