नई दिल्ली : बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की ताकत भले ही अब तीसरे नंबर पर है, लेकिन उनकी सुशासन बाबू की छवि उन्हें लगातार मुख्यमंत्री पद पर बनाए हुए है। यही वजह थी कि उनके कभी एनडीए तो कभी महागठबंधन के साथ जाने के बाद भी भाजपा उन पर खुलकर वार नहीं कर सकी। हालांकि अब स्थिति कुछ अलग दिख रही है। नीतीश कुमार की ओर से पहले विधानसभा में यौन शिक्षा पर बात करते हुए जो बयान दिया गया, उसने देश भर में चर्चा बटोरी। उनके बयान पर इतना भारी हंगामा हुआ कि अगले ही दिन नीतीश कुमार ने माफी मांग ली।
यही नहीं उन्होंने कहा कि मैं खुद अपनी निंदा करता हूं और यदि किसी को बात गलत लगी हो तो एक-एक शब्द वापस लेता हूं। इस पर बवाल जैसे-तैसे थम ही रहा था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर विधानसभा में ऐसी भाषा में हमला बोला कि वह फिर से घिर गए। जीतन राम मांझी जातीय सर्वे पर बात कर रहे थे और उसमें खामियां गिना रहे थे। उन्होंने कहा था कि यदि इसमें गलतियां हैं तो फिर कैसे वंचितों को फायदा मिल सकेगा। उनका इतना कहना ही था कि नीतीश कुमार फायर हो गए थे।
जीतन राम मांझी से तू-तड़ाक की भाषा करते हुए कहा था कि यह आदमी मेरी मूर्खता के चलते मुख्यमंत्री बन गया था। विधानसभा में नीतीश कुमार की इन दो ‘चूकों’ की वजह से भाजपा को मौका मिल गया। यही नहीं सम्राट चौधरी, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के अलावा सीधे पीएम नरेंद्र मोदी ने हमला बोला। उन्होंने पहले जनसंख्या नियंत्रण वाले बयान पर कहा था कि INDIA गठबंधन का एक नेता पूरी दुनिया के आगे भारत को बदनाम कर रहा है। इन्हें शर्म है कि आती नहीं। आखिर कितना नीचे गिरोगे।
यही नहीं एक और रैली में पीएम मोदी ने जीतनराम मांझी पर हमले का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन का एक मुख्यमंत्री पूर्व सीएम से बदतमीजी करता है। उसे ऐसा करने में मजा आता है, लेकिन कांग्रेस उस पर कुछ नहीं कहती। इस तरह पीएम मोदी ने बिना नाम लिए ही नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। इसके अलावा राज्य के नेता भी लगातार हमलावर हैं। इससे स्पष्ट है कि 2024 और 2025 की लड़ाई के लिए भाजपा नीतीश कुमार पर सीधे हमले के मूड में है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इन बयानों ने उनकी छवि पर असर पहुंचाया है और भाजपा को मौके दिए हैं।
नीतीश पर हमले से नहीं परहेज, भाजपा ने बदल दी रणनीति
अब तक वह आरजेडी पर ही हमला बोलती थी, लेकिन नीतीश कुमार पर डायरेक्ट अटैक से परहेज करती थी। अब भाजपा आरजेडी के साथ ही नीतीश कुमार को भी निशाने पर ले रही है। 15 दिनों के अंदर दो बार नीतीश को टारगेट कर पीएम मोदी ने इसके संकेत भी दे दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषक एनके चौधरी कहते हैं कि भाजपा अब नीतीश कुमार का मनोबल कमजोर करना चाहती है। इसलिए सीधा हमला बोल रही है और विधानसभा में उनके बयानों में जिस तरह की उत्तेजना या चूक दिखी है, उसका फायदा उठाने की कोशिश में है।
क्यों विश्लेषक मानते हैं- पहले जैसे मजबूत नहीं रहे नीतीश
वह मानते हैं कि नीतीश कुमार अब पहले जैसे मजबूत नेता नहीं रहे हैं। वह कहते हैं, ‘नीतीश कुमार अब पहले जैसे मजबूत नहीं है। लेकिन अब भी उनके पास हवा का संतुलन अपनी ओर करने की क्षमता है। यह चीज भाजपा को नुकसान करेगी। आरजेडी के साथ मिलकर नीतीश जो फैसले ले रहे हैं, वह भी भाजपा के लिए चिंता की बात है। ऐसे में नीतीश कुमार के बयानों को भाजपा मौके के तौर पर देख रही है और खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी उन पर सीधे हमले कर रहे हैं।’