नई दिल्ली: श्रीलंका को तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच को जीतने के लिए 18 गेंदों में 21 रन चाहिए थे। खलील अहमद के 18वें ओवर में 12 रन गए तो हर किसी को लगा कि मैच अब भारत के हाथ से निकल गया है। हालांकि, कप्तान सूर्यकुमार यादव हार मानने वाले नहीं थे। उन्होंने एक ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया, जिसकी काट श्रीलंका के पास नहीं थी। सूर्यकुमार यादव ने 19वें ओवर में रिंकू सिंह को गेंद थमाई, जब श्रीलंका को 12 गेंदों में सिर्फ 9 रन चाहिए थे और रिंकू सिंह ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए 3 रन दिए और दो विकेट निकाले।
आखिरी ओवर में 6 रन चाहिए थे तो खुद कप्तान सूर्यकुमार यादव गेंदबाजी के लिए आए और उन्होंने 5 रन ही बनने दिए और दो विकेट निकाल लिए। इस तरह मैच टाई हुआ, जो सुपर ओवर में गया। सुपर ओवर में श्रीलंका से तीन रन बने और भारत ने एक गेंद में ही मैच जीत लिया। सूर्या ने मैच के बाद बताया कि मोहम्मद सिराज का ओवर भी उनके पास था, लेकिन उन्होंने रिंकू सिंह को क्यों चुना। कप्तान सूर्या ने बताया रिंकू सिंह अपनी दाएं हाथ की ऑफ स्पिन गेंदबाजी के कारण इन परिस्थितियों के लिए अधिक उपयुक्त हैं, विशेषकर यह सुनिश्चित करने के बाद कि उन्होंने सीरीज के दौरान अभ्यास सत्रों में पर्याप्त गेंदबाजी की है।
सोनी स्पोर्ट्स से बात करते हुए सूर्यकुमार यादव ने बताया, “20वें ओवर का फैसला आसान था, मुश्किल फैसला 19वें ओवर का था। सिराज और कुछ अन्य के पास अपने ओवर बचे थे, लेकिन मुझे लगा कि रिंकू उस विकेट के लिए बेहतर थे, क्योंकि मैंने उन्हें गेंदबाजी करते देखा है और मैंने उन्हें नेट्स पर काफी अभ्यास कराया है। मुझे लगा कि यह सही है और इसलिए मैंने यह फैसला लिया।”
जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर आशीष नेहरा ने सूर्यकुमार से पूछा कि खुद उन्होंने 19वां ओवर क्यों नहीं फेंका, तो कप्तान ने मैचअप तर्क दिया और कहा, “मुझे पता था कि 19वां ओवर हमेशा भारतीय क्रिकेट के लिए मुश्किल रहा है (हंसते हुए)। इसलिए मैंने रिंकू को जिम्मेदारी दी। दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाएं हाथ के बल्लेबाज को गेंदबाजी करना हमेशा मुश्किल होता है। यह बहुत अच्छा था कि उन्होंने अपने कौशल का सबसे अच्छा उपयोग किया और मेरा काम आसान कर दिया, क्योंकि अब मेरे पास आगे बढ़ने के लिए एक और गेंदबाजी विकल्प है।”