नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग के दिन एक जून को इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में चुनाव नतीजे के साथ आगे की रणनीति को लेकर मंथन किया जाना है. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. ऐसे में नतीजे से पहले ही इंडिया गठबंधन की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. चुनाव के बाद की परिस्थितियों के मद्देनजर होने वाली बैठक में आपस मे एकजुटता बनाए रखने की कोशिश और आगे की तैयारी की रणनीति को लेकर है.
दिल्ली में एक जून को इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक में सभी सहयोगियों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. माना जा रहा है कि यह बैठक चुनावों की समीक्षा करने और नतीजे के बाद की परिस्थितियों को लेकर हो रही है. इसके अलावा इंडिया गठबंधन के भविष्य के कदमों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है.
विपक्ष का दावा, इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार
इंडिया गठबंधन की बैठक ऐसे समय हो रही है जब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग हो रही होगी. इतना ही नहीं तमाम सियासी पंडित भी मान रहे हैं कि बीजेपी पिछले चुनाव से कम सीट पा रही है. हालांकि, बीजेपी ने ‘400 पार’ का नारा दिया है और दावा किया जा रहा है कि एनडीए गठबंधन तीसरी बार सरकार बनाएगा.
वहीं, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता दावा कर रहे हैं कि एनडीए बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा और इंडिया गठबंधन सरकार बनाएगा. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्षी नेता इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने की बात कर रहे हैं.
एक जून को इंडिया गठबंधन की बैठक क्यों?
इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर सभी के मन में सवाल है कि चुनाव नतीजे से पहले विपक्षी नेताओं की बैठक क्यों हो रही है? इसे लेकर स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन यह बैठक उस दिन रखी गई है, जिन दिन आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का आखिरी दिन है. केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक की ही अंतरिम जमानत दी है और दो जून को सरेंडर करना होगा. हालांकि, सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत की अवधि को एक सप्ताह और आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है.
अरविंद केजरीवाल की पार्टी इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल में से एक है. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, गोवा, चंडीगढ़ और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा, जबकि पंजाब में दोनों अलग-अलग लड़ रही हैं. माना जा रहा है कि इस बार आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव से बेहतर नतीजे लाने में सफल रहेगी. ऐसे में केजरीवाल की भूमिका चुनाव के बाद काफी अहम होनी वाली है इसलिए उनके जेल जाने से पहले उनकी मौजूदगी में इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेता बैठक कर भविष्य की रणनीति पर मंथन कर लेना चाहते हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के पक्ष में कई लहर नहीं देखी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि अलग-अलग राज्य में अलग तरह की राजनीतिक लहर देखने को मिल रही है. 2014 और 2019 की तरह बीजेपी के पक्ष में इस बार लहर नहीं है. ऐसे में बीजेपी के लिए अपने पुराने नतीजे को दोहराना आसान नहीं है. एनडीए गठबंधन अगर बहुमत से दूर रहता है तो फिर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की भूमिका अहम हो जाएगी. ऐसे में इंडिया गठबंधन नतीजे के बाद की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श और भविष्य की रणनीति पर अभी से ही मंथन करने में जुट गया है.