नई दिल्ली: बीबीसी के गाजा पर बनाए गए एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। लंदन स्थित बीबीसी मुख्यालय के बाहर इस पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने बीबीसी पर हमास से जुड़े लोगों को मंच देने का आरोप लगाया। इस दौरान नारेबाजी हुई, झंडे लहराए गए और मशहूर अभिनेत्री डेम मोरीन लिपमैन समेत कई हस्तियों ने भाषण दिए।
यह विवाद तब भड़क उठा जब यह सामने आया कि इस डॉक्यूमेंट्री का बाल-प्रस्तावक अब्दुल्लाह, हमास के एक वरिष्ठ सदस्य अयमान अलयाजौरी का बेटा है। दरअसल, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘गाजा: हाउ टू सर्वाइव अ वॉरजोन’ में गाजा में युद्ध के दौरान बच्चों की स्थिति दिखाई गई थी, लेकिन इसमें शामिल लोगों की पृष्ठभूमि को लेकर सवाल उठने के बाद बीबीसी ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। बीबीसी ने अपनी गलती स्वीकारते हुए पहले एक शुरुआती समीक्षा की और अब एक गहरी आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
खबरों के मुताबिक, इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए कुछ अन्य बच्चों के भी हमास से जुड़े होने की बात सामने आई है। साथ ही, इसमें कुछ डायलॉग के गलत अनुवाद किए जाने के आरोप भी लगे हैं। बीबीसी ने यह भी माना कि डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली प्रोडक्शन कंपनी होयो फिल्म्स ने बाल-प्रस्तावक अब्दुल्लाह की मां को उसकी बहन के बैंक खाते के जरिए पैसे दिए थे। अब बीबीसी इस मामले में प्रोडक्शन कंपनी से अतिरिक्त सफाई मांग रहा है।
ब्रिटेन की संस्कृति सचिव लिसा नांडी ने बीबीसी पर इस मामले में सुस्ती बरतने का आरोप लगाया और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बीबीसी के इस कदम के खिलाफ भी आवाज उठ रही है। प्रजेंटर गैरी लिनकर और अनीता रानी, अभिनेता रिज अहमद और मिरियम मार्गोलीज सहित 500 से अधिक मीडिया हस्तियों ने इस डॉक्यूमेंट्री को हटाने की आलोचना की है।