नई दिल्ली: केरल पुलिस ने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एम्बुलेंस का दुरुपयोग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. मंत्री गोपी के खिलाफ सीपीआई नेता सुमेश केपी ने शिकायत के बाद ये एक्शन हुआ है. मुकदमा लिखने के बाद पुलिस ने बताया कि मंत्री ने मरीजों के काम आने वाली एंबुलेंस का दुरुपयोग करने के साथ नियमों को तोड़ा. प्राथमिकी के अनुसार, गोपी तथा अन्य आरोपियों ने चुनाव अभियान की रणनीति के तहत काम किया तथा पुलिस प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए तिरुवंबाडी देवस्वोम प्राधिकारियों से बातचीत करने के लिए ‘सेवा भारती’ के स्वामित्व वाली एम्बुलेंस में यात्रा की, जिसमें केवल मरीजों को ले जाने की अनुमति थी. गोपी उस समय त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे. FIR में कहा गया है, ‘उन्होंने लापरवाही से एम्बुलेंस चलाई जिससे मानव जीवन को खतरा पैदा हुआ और अन्य समस्याएं हुईं.’
कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 279 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. गोपी के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी मामला दर्ज हुआ है. शिकायत में पुलिस प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए पूरम स्थल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर गोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. यूडीएफ ने भी आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सुरेश गोपी के लिए अपने फेवर में माहौल बनाने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया था.
सुरेश गोपी ने की सीबीआई जांच की मांग
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘वो अपनी कार में महोत्सव स्थल के करीब पहुंचे थे, जिस पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कुछ ‘गुंडों’ ने हमला कर दिया’. राज्यमंत्री ने दावा किया कि उन्हें वहां से कुछ युवाओं ने बचाया और उन्हें एक एम्बुलेंस में बिठाया. सुरेश गोपी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि अगर सच्चाई सामने आई तो उनके विरोधियों का पूरा राजनीतिक करियर बेनकाब हो जाएगा.
सुरेश गोपी को जानिए
सुरेश गोपी ने भाजपा के टिकट पर त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इस तरह आजादी के बाद पहली बार केरल में बीजेपी का कमल खिला था. गोपी ने सीपीआई के वीएस सुनील कुमार और कांग्रेस के टीएन प्रतापन को हराकर जीत दर्ज की थी.