नई दिल्ली: मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत ‘परमाणु गति’ से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोग बेतरतीब ढंग से सामने आए मुद्दों को वास्तविक मानकर देश को अस्थिर करना चाहते हैं। सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की विपक्ष की मांग के बीच उनकी टिप्पणी आई है। कांग्रेस ने जेपीसी जांच शुरू नहीं होने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है, जबकि भाजपा ने इस मांग को भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास करार दिया है।
धनखड़ ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत भारत मंडपम से ‘तिरंगा बाइक रैली’ को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा, ‘साथियों, हमारे विकास की गति ऐसी है कि हम परमाणु गति से आगे बढ़ रहे हैं। कुछ लोग इसे पचा नहीं पा रहे हैं, वे बाधा डालते हैं और अस्थिरता लाना चाहते हैं।’ उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग प्रगति में बाधा डालते हैं, वे बेतरतीब मसलों को वास्तविक मान लेते हैं। उन्होंने नागरिकों से ऐसी ताकतों से सतर्क रहने का आग्रह किया है।
‘हर घर तिरंगा’ अभियान
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भारत की विकसित राष्ट्र बनने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह दर्शाता है कि यह सदी भारत की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रत्येक भारतीय देश के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतों का मुकाबला करने का संकल्प लेगा। धनखड़ ने कहा, ‘मैं सभी साथी नागरिकों से अपील करता हूं कि सभी स्थितियों और परिस्थितियों में, देश का हित किसी व्यक्ति, राजनीति और समाज के हितों से ऊपर होना चाहिए।’
बाइक रैली प्रगति मैदान के भारत मंडपम से शुरू हुई और इंडिया गेट से होते हुए मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में समाप्त हुई। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का तीसरा संस्करण 9 से 15 अगस्त तक मनाया जा रहा है, जो 78वें स्वतंत्रता दिवस का प्रतीक है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, किरेन रिजिजू और मनसुख मंडाविया भी मंच पर मौजूद थे।
भारत का अजेय उत्थान
धनखड़ ने जोर देकर कहा कि भारत अब केवल संभावनाओं वाला देश नहीं है, बल्कि एक ऐसा देश है जो बिना रुके आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम अब संभावनाओं या संभावनाओं वाला देश नहीं हैं। हम आज एक ऐसा देश हैं जो पहले से कहीं ज़्यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारा विकास बिना रोके आगे बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत का विकास इसे 2047 तक एक विकसित देश बना देगा, जब वह अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा।
उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण का समापन लोगों से इस अभियान में भाग लेने और गर्व के साथ झंडा फहराने का आग्रह करते हुए किया। उन्होंने कहा, ‘इस झंडे को गर्व के साथ फहराएं और संकल्प लें कि इसका गौरव, प्रतिष्ठा और गौरव बढ़ता रहे और हर परिस्थिति में तिरंगा ऊंचा रहे।’ यह अभियान 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया गया था और तब से यह एक जन आंदोलन बन गया है।
धनखड़ ने भारत की प्रगति का विरोध करने वालों का मार्गदर्शन करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला, उनके ज्ञान को बढ़ाया और उन्हें भारतीय संस्कृति से परिचित कराया। उन्होंने कहा, ‘ऐसे लोगों का मार्गदर्शन किया जाना चाहिए और उनके ज्ञान को बढ़ाया जाना चाहिए और उन्हें भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जाना चाहिए।’ इसका उद्देश्य देश को अस्थिर करने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ भारतीयों को एकजुट करना है।