नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जिस समय विधानसभा चुनाव इतने करीब है, उस समय अजित पवार गुट की एनसीपी के विधायक राजेंद्र शिंगणे ने बताया कि जब शरद पवार और अजित पवार के बीच फूट पड़ी थी तो वो अजित पवार गुट के साथ क्यों गए थे. विधायक राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि एक निजी कारण था जिसके चलते मुझे अजित दादा के साथ जाना पड़ा था.
महाराष्ट्र में पिछले साल नेशनल कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ गई थी और पार्टी के दो हिस्से हो गए थे, एक शरद पवार गुट और एक अजित पवार गुट. उस समय अजित पवार के साथ कुछ विधायक चले गए थे और उन्होंने बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के साथ गठबंधन कर के सरकार बना ली थी.
विधायक ने बताई वजह
राजेंद्र शिंगणे ने बताया कि जिस समय पार्टी के दो टुकड़े हुए थे, उस समय वो अजित पवार गुट के साथ चले गए थे, हालांकि, उन्होंने अजित गुट के साथ जाने की वजह नहीं बताई थी, जिसकी अब वजह उन्होंने सब के सामने रखी. विधायक ने बताया कि जिस समय पार्टी में दरार आई थी उनका वो जिला सहकारी बैंक जिससे वो जुड़े हुए हैं डूब रहा था, इसी के चलते वो अजित गुट के साथ चले गए थे.
शरद पवार के साथ 30 साल काम किया
राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार के विधायक राजेंद्र शिंगणे ने शनिवार को शरद पवार के साथ वर्धा में एक प्रोग्राम में स्टेज शेयर किया. महाराष्ट्र के सिंदखेड़ राजा इलाके से विधायक राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि वो हमेशा से शरद पवार का काफी सम्मान करते हैं.
राजेंद्र शिंगणे ने कहा, उन्होंने पूरे 30 साल शरद पवार की अध्यक्षता में काम किया और शरद पवार ने उनके राजनीतिक सफर में काफी अहम रोल निभाया है. विधायक राजेंद्र शिंगणे ने कहा, हालांकि, हाल ही में, मेरे जिला सहकारी बैंक (बुलढाणा में) की समस्याओं और लाचारी के कारण, मुझे अजित दादा के साथ उनकी पार्टी में जाना पड़ा था. विधायक ने कहा, जिला सहकारी बैंक को सरकार से आज 300 करोड़ रुपये मिले हैं. साथ ही उन्होंने कहा, शरद पवार साहब हमेशा मेरे लिए आदरणीय रहेंगे.