इस्लामाबाद: पाकिस्तान जाकर विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक का हृदय परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उसने पाकिस्तान की एयरलाइंस पीआईए की जमकर आलोचना की है। वह भी पाकिस्तान की धरती पर हजारों लोगों की भीड़ के सामने। जाकिर नाइक ने कहा कि वह राजकीय अतिथि बनकर पाकिस्तान आया है। इसके बावजूद सरकारी एयरलाइंस ने उसके सामानों के पैसे वसूले। नाइक ने कहा कि अगर वह भारत में यह करता तो कोई भी एयरलाइंस नाम सुनकर उसके लगेज का किराया माफ कर देती।
जाकिर नाइक ने क्या कहा
जाकिर नाइक ने कहा, “मैं अभी आपको मिसाल दूंगा। मैं आ रहा था। हमारा सामान हजार किलो था। मुझे रोक दिया गयाष पीआईए के अधिकारियों से बात किया। नाम नहीं लेता हूं। सीईओ से बात किया, कंट्री मैनेजर, एयरपोर्ट मैनेजर से बात की। उसने कहा- डॉक्टर साहब आपके लिए कुछ भी करूंगा। मैंने कहा- छह लोग जा रहे थे। 500-600 किलो सामान ज्यादा है। तब उसने कहा- हां-हां, कोई बात नहीं, आपको 50% डिस्काउंट दूंगा। मैंने कहा- 50% डिस्काउंट के बदले मैं और चार लोगों को लेकर आऊं तो सस्ता पड़ेगा ना। मैंने कहा- देना हो तो फ्री में करो, नहीं तो पूरा पैसा ले लो। मैंने ऑफर ठुकरा दिया।”
बोला- पाकिस्तान में सरकारी गेस्ट से ऐसा सलूक
उसने आगे कहा, “पीआईए- पाकिस्तान एयरलाइंस। अरे इंडिया में कोई भी गैर मुस्लिम मुझे देखेगा तो फ्री में छोड़ेगा। ये है इंडिया। गैर मुस्लिम डॉक्टर साहब (जाकिर नाइक) को देखता है तो 1000 किलो-2000 किलो छोड़ देता है। ये पाकिस्तान है। गवर्मेंट का गेस्ट हूं मैं। मेरे वीजा पर लिखा है स्टेट गेस्ट। और आपके पीआईए का सीईओ बोलता है कि आपको 50% डिस्काउंट दूंगा। चार्ज कर रहे हैं 110 रिंगेट एक किलो का। मुझे इतना दुख हुआ कि मैं पाकिस्तान में आ रहा हूं। डॉक्टर जाकिर नाइक स्टेट गेस्ट है और वो 300 किलो छोड़ नहीं सकते, बोल रहे हैं 50% डिस्काउंट देंगे। मुझे नहीं चाहिए तेरा डिस्काउंट। मैं चार-छह लोगों को और लेकर आऊंगा और मेरा सामान आ जाएगा।”
जाकिर नाइक ने भारत की जमकर तारीफ की
जाकिर नाइक ने कहा, “सच बोलने पर मुझे दुख होता है, लेकिन ये है पाकिस्तान का हाल। इंडिया में वो हिंदू मुझे देखेगा, डॉक्टर साहब हैं, जो भी कहेंगे सच कहेंगे सच के सिवा कुछ भी नहीं कहेंगे। ये इंडिया है। आज के तारीख में भी भारतीय गलत नहीं है, सरकार गलत है। वो आज है, कल नहीं रहेगी। जो इज्जत मुझे इंडिया में मिलती है, पाकिस्तान के लोग मुझे चाहते हैं, ये नहीं कहता मैं।