देहरादून : इस समय गर्मी से उत्तर भारत के कई राज्य बेहाल हैं. हर कोई इस तपती गर्मी में पहाड़ी और ठड़े स्थान पर जाना चाहता है. जब बात पहाड़ी इलाके की आती है तो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ये दो ऐसे राज्य हैं जिनका नाम जहन में सबसे पहले आता है, लेकिन अब इन दोनों राज्यों में भी गर्मी के समय पहले के मुकाबले ज्यादा गर्मी रहने लगी है. भीषण गर्मी और तेज हवा के कारण पहाड़ी राज्यों के जंगलों में तेजी से आग लग रही है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक पिछले दो साल में हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं. वहीं देशभर में उत्तराखंड का सातवां स्थान रहा है.
हैरत की बात तो ये है कि पहले सर्दी के समय कभी उत्तराखंड के जंगलों में आग नहीं लगी, लेकिन 2020 में हुए लॉकडाउन में आखिरी के समय देखा गया कि सर्द मौसम में भी आग ने जंगल को अपनी लपटों झुलसा रखा था. एफएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड की पहली लहर में देशभर में नवंबर 2019 से जून 2020 के दौरान एक लाख 24 हजार 473 वन अग्ग्नि के मामले दर्ज किए गए हैं.
उत्तराखंड ही नहीं देश के ऐसे और कई राज्य हैं जहां जंगलों में आग लगने के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसमें ओडिशा औ मध्य प्रदेश का नाम प्रमुखता से आता है. 2020 के बाद नवंबर 2021 से जून 2022 के बीच देशभर में दो लाख 23 हजार 333 वन अग्नि के दर्ज किए गए.
इस दौरान सबसे ज्यादा जंगल में आग की घटनाएं ओडिशा में हुईं. यहां 51 हजार 968 वन अग्ग्नि के मामले दर्ज किए गए. उसके बाद मध्य प्रदेश जहां 47 हजार 795 मामले सामने आए, फिर नंबर आात है छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और छठवें स्थान पर रहा उत्तराखंड, यहां 21 हजार 487 घटनाएं दर्ज की गईं.
लॉकडाउन के बाद बढ़ी आग की घटना
एफएसआई के मुताबिक पहले लॉकडाउन के दौरान पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित थी, लेकिन जब लॉकडाउन में थोड़ी ढील दी गई तो पहाड़ी इलाकों में बढ़ी पर्यटकों की संख्या के कारण जंगल में आग लगने के मामले तेजी से बढ़ गए.