नई दिल्ली : कर्नाटक में तीन और डिप्टी सीएम बनाए जाने की मांग उठ रही है। फिलहाल राज्य के सीएम एम. सिद्धारमैया हैं और उनके साथ डिप्टी सीएम के तौर पर डीके शिवकुमार काम कर रहे हैं। इस बीच मांग उठ रही है कि राज्य में तीन और उपमुख्यमंत्री बनने चाहिए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पर बुधवार को जवाब दिया और कहा कि तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग पर कांग्रेस आलाकमान का फैसला अंतिम होगा। दरअसल राज्य के कुछ मंत्री वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की वकालत कर रहे हैं।
वर्तमान में डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री हैं और वोक्कालिगा समुदाय से हैं। एक प्रश्न के उत्तर में सिद्धरमैया ने मीडिया से कहा, ‘आलाकमान जो भी फैसला लेता है, वह अंतिम है।’ कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना है कि तीन और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग संबंधी मंत्रियों के बयान सिद्धरमैया खेमे की (खास) योजना का हिस्सा है और उसका मकसद शिवकुमार को काबू में रखना है। ऐसी चर्चा है कि शिवकुमार सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकते हैं।
सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना, आवास मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान, लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकिहोली और कुछ अन्य नेताओं ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बार फिर तीन और उपमुख्यमंत्रियों की मांग की थी। इन्हें सिद्धरमैया का करीबी माना जाता है। पिछले साल मई में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार और सिद्धरमैया के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर कांग्रेस ने फैसला किया था कि शिवकुमार ‘एकमात्र’ उपमुख्यमंत्री होंगे।
मंत्रियों की मांग पर नाराजगी जाहिर करते हुए शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि पार्टी इसका उचित जवाब देगी। शिवकुमार कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं। शिवकुमार ने कहा, ‘अगर कोई कुछ कहता है तो आपलोग (मीडिया) उसे खबर बना देते हैं। कोई कुछ भी मांग करे पार्टी उसका उचित जवाब देगी…।’ गौरतलब है कि डीके शिवकुमार को कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता है और वह कई राज्यों में सरकार गिरने की स्थिति में मदद कर चुके हैं। उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता है।