बेंगलुरू : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे राज्य में योगी सरकार के मॉडल को लागू करेंगे। अब यहां समझने वाली बात यह है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा? इसके पीछे एक नहीं, कई वजहें हो सकती हैं। दरअसल दक्षिण कन्नड़ जिले में भारतीय युवा मोर्चा के एक सदस्य की हत्या के बाद राज्य में माहौल इस समय गरम है। बीजेपी और संघ से जुड़े संगठनों ने राज्य सरकार से प्रदेश में योगी मॉडल लागू करने की मांग की है। इस पर सहमति जताते हुए बोम्मई ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे भी योगी आदित्यनाथ की राह पर चलेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों कहा और इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है?
योगी के रास्ते पर क्यों चलना चाहते हैं बोम्मई?
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के मॉडल की चर्चा देशभर में है। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर लोग उनकी तारीफ करते हैं। दोबारा सीएम बनने के बाद उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो चर्चा का विषय बन गया। सीएम योगी ने ईद के मौके पर मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की थी कि सड़क या सार्वजनिक जगहों पर नमाज ना पढ़ी जाए। ऐसा ही हुआ। इसके अलावा जब महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर बवाल हुआ तो सीएम योगी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर मंदिर और मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाये। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि ये सब बिना किसी विवाद हो गया।
इसके अलावा अपराधियों के खिलाफ योगी का बुलडोजर मॉडल भी चर्चा और विवादों में रहा है। नुपूर शर्मा विवाद में जुमे की नमाज के बाद राज्य के कई जिलों में खूब बवाल हुआ। लगभग 10 जिलों में खूब उपद्रव हुआ। इसके बाद योगी सरकार ने सख्त ऐक्शन लिया। प्रयागराज में भीड़ को भड़काने वाले जावेद के घर पर बुलडोज चला दिया गया। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हुआ।
मामला कोर्ट गया। सरकार ने कहा कि प्रदेश में जितने भी माफिया या उपद्रवियों के घर गिराये गये हैं, वे सब अवैध थे। कोर्ट ने भी कहा कि हम अवैध निर्माणों पर हुई कार्रवाई पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
कर्नाटक पिछले कुछ महीनों से विवादों है। राज्य में पहले हिजाब को लेकर काफी बवाल हुआ। इसके बाद हलाल मीट पर हंगामा हुआ। अब कुछ दिनों पहले भाजपा युवा मोर्चा के नेता अब कुछ दिनों पहले भाजपा युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या हो गई। इसके बाद मंगलवार को मंगलुरु में गुरुवार शाम कुछ नकाबपोश हमलावरों ने एक युवक को बेरहमी से पीटा और फिर चाकू से हमला कर दिया। हमले में घायल मो. फाजिल की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। कर्नाटक में 10 दिन में ये तीसरी हत्या है। इससे पहले सुलिया तालुक स्थित कलांजा गांव में मसूद की हत्या कर दीग गई थी। इन सबको देखते हुए राज्य में योगी मॉडल की बात हो रही है।
अगले साल विधानसभा चुनाव, और हिंदुत्व का चेहरा
कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में योगी का हिंदुत्व का चेहरा वहां अपना असर दिखा सकता है और योगी का चेहरा वहां चल भी चुका है। 2018 विधानसभा चुनाव में योगी ने कर्नाटक में 33 रैलियां कर 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया था। योगी को वहां ब्रांड हिंदुत्व का फायदा मिला और बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरने में सफल रही।
योगी कर्नाटक में भी हिंदुत्व के प्रमुख चेहरे के रूप में सामने आए। कर्नाटक में लिंगायत समाज के 450 जबकि वोक्कालिगा के करीब 100 से ज्यादा मठ हैं। इसके अलावा कुरबा समुदाय के 70 मठ तो नाथ संप्रदाय के भी कई मठ हैं। कर्नाटक की सियासत में इन मठों की अपनी अहमियत है। योगी चुनाव प्रचार के दौरान रात में अलग-अलग दिन इन्हीं मठों में रुके थे। ऐसे में चुनाव को देखते हुए योगी को वहां बतौर फायरब्रांड नेता देखा जा रहा।