रांची : झारखंड कांग्रेस के तीनों विधायक ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। तारीख पहले से निर्धारित थी। समय भी पर्याप्त था। बावजूद इसके, जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी, कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी और खिजरी विधायक राजेश कच्छप में से कोई भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचा। किसी ने बीमारी का हवाला दिया तो किसी ने कहा कि अभी व्यस्तता है। गौरतलब है कि हावड़ा में 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़ाए तीनों विधायकों को ईडी ने 7 जनवरी को समन किया था। इरफान अंसारी को 13 जनवरी, राजेश कच्छप को 16 जनवरी और नमन बिक्सल कोंगाड़ी को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इरफान अंसारी और राजेश कच्छप ने 2 हफ्तों की मोहलत मांगी है।
7 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने जारी किया था समन
बता दें कि 13 जनवरी को 11 बजे जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी को रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचना था। ईडी कार्यालय में अधिकारी इंतजार में थे। बाहर मीडिया का जमावड़ा था लेकिन पहुंचे इरफान अंसारी के पीए और वकील। डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि वे बीमार हैं। अभी, ईडी के सामने पेश नहीं हो सकते। 2 हफ्तों की मोहलत मांगी। इरफान अंसारी ने बीमार होने का हवाला तो दिया है लेकिन उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाले तो ईडी के समक्ष पेशी से एक दिन पहले वह अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों से मिल रहे थे। बीमार लोगों का इलाज कर रहे थे। खुद ट्विटर पर लिखा कि मैं जनप्रतिनिधि ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी हूं और मरीजों की सेवा करना मेरा धर्म है।
16 जनवरी को खिजरी विधानसभा सीट से विधायक राजेश कच्छप को हाजिर होना था। ईडी इनसे भी कैश कांड मामले में मनी लाउंड्रिंग को लेकर पूछताछ करना चाहती है। 11 बजे राजेश कच्छप को ईडी कार्यालय पहुंचना था लेकिन नहीं आए। केवल वकील ही ईडी ऑफिस पहुंचे। कहा कि बहुत व्यस्तता है। अभी हाजिर नहीं हो पाएंगे। बताया गया कि राजेश कच्छप अभी किसी काम से दिल्ली गए हैं। इसी प्रकार मंगलवार को कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी को हाजिर होना था लेकिन वह भी नहीं आए। उनके वकील पहुंचे।
हेमंत सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप
गौरतलब है कि तीनों विधायकों पर बीजेपी के निर्देश पर पैसे लेकर झारखंड की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप है। उनके ही साथी विधायक अनूप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल सिंह ने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हालांकि, तीनों विधायकों का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं। इरफान अंसारी खुद को हेमंत सोरेन का हनुमान बताते हैं। कहते आए हैं कि कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा उनकी नसों में दौड़ रही है। सवाल यह है कि यदि तीनों विधायकों ने गलती नहीं कि तो ईडी के समक्ष पेश होने में झिझक कैसी? गौरतलब है कि 9 नवंबर 2022 को ही ईडी ने कैश कांड को टेकओवर किया था। तीनों विधायक जानते थे कि कभी ना कभी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। 7 जनवरी को समन हुआ। 13 जनवरी को आना था। यहां भी पर्याप्त वक्त था तो, और वक्त की मांग क्यों। ऐसे कई सवाल हैं जो झारखंड की सियासी गलियारों में घूम रहे हैं।
30 जुलाई 2022 को कैश के साथ पकड़े गए थे विधायक
30 जुलाई 2022। यह वही तारीख थी जब झारखंड कांग्रेस के 3 विधायकों को पश्चिम बंगाल पुलिस ने हावड़ा के रानीहाट मोड़ के पास 49 लाख रुपये कैश के साथ हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद तीनों विधायकों को हिरासत में ले लिया गया। 30 जुलाई को गिरफ्तारी हुई और इधर 31 जुलाई को बेरमो विधायक अनूप सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ अरगोड़ा थाना पहुंचकर जीरो एफआईआर दर्ज कराई। अनूप सिंह उर्फ जयमंगल सिंह ने आरोप लगाया कि तीनों विधायकों ने उनको बीजेपी के सहयोग से मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के एवज में 10 करोड़ रुपये और मंत्रीपद का ऑफर दिया था। अनूप सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि तीनों विधायक उन्हें गुवाहाटी ले जाकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से मिलवाना चाहते थे। अनूप सिंह ने कहा कि मैंने उनका ऑफर स्वीकार नहीं किया। बता दें कि इस मामले में ईडी अनूप सिंह से भी पूछताछ कर चुकी है।