नई दिल्ली। सरकारी बैंक देश में करोड़ों लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करते हैं, लेकिन कस्टमर एक्सपीरियंस और सर्विस के मामले में ये अब भी अप टू डेट नहीं हैं. यही वजह है कि जब भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) उसे बैंकों के खिलाफ मिली शिकायतों का डेटा जारी करता है, सबसे ज्यादा शिकायतें सरकारी बैंकों के खिलाफ ही होती हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता की शिकायतों को दूर करने लिए ऑम्बुड्समैन सिस्टम बनाया है. अगर आप अपने बैंक की किसी भी सर्विस से खुश नहीं हैं, तो आप आरबीआई ऑम्बुड्समैन को उसकी शिकायत कर सकते हैं. ऑम्बुड्समैन की लेटेस्ट एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग सर्विसेस को लेकर लोगों की शिकायतों में 68 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है.
सरकारी बैंकों के खिलाफ लाखों शिकायतें
आरबीआई ऑम्बुड्समैन को देश के सरकारी और प्राइवेट दोनों के ही खिलाफ ढेर सारी शिकायतें मिली हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में ऑम्बुड्समैन को जो कुल शिकायतें मिलीं, उसमें से 43.52 प्रतिशत सिर्फ सरकारी बैंकों के खिलाफ हैं. वहीं प्राइवेट बैंकों के खिलाफ मिली शिकायतों की 31.43 प्रतिशत है.
ऑम्बुड्समैन को सरकारी बैंकों के खिलाफ कुल 1,02,144 शिकायतें मिली हैं, जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के खिलाफ 73,764 शिकायतें आई हैं. हालांकि दोनों ही कैटेगरी में शिकायतें 2021-22 की तुलना में कम हुई हैं. तब सरकारी बैंकों खिलाफ ऑम्बुड्समैन को 1,54,725 शिकायत मिली थीं. वहीं प्राइवेट बैंक के खिलाफ मिली शिकायतों की संख्या 94,275 थी.
डिजिटल पेमेंट्स को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें
देश में डिजिटल पेमेंट ने जहां लोगों की मुश्किलें आसान की हैं, वहीं कई लोगों की परेशानियां भी बढ़ाई हैं. आरबीआई ऑम्बुड्समैन की एनुअल रिपोर्ट में ये भी पता चलता है कि ग्राहकों की सबसे ज्यादा शिकायतें उसे मोबाइल और इलेक्ट्रोनिक बैंकिंग को लेकर मिली हैं. ये उसे मिली कुल शिकायतों का करीब 20.27 प्रतिशत है.
वहीं दूसरी सबसे ज्यादा शिकायतें ऑम्बुड्समैन को लोन सर्विसेस को लेकर मिली हैं. ये ऑम्बुड्समैन को मिली कुल शिकायतों का करीब 20.13 प्रतिशत है. बड़ी बात ये है कि इन दोनों ही कैटेगरी में ग्राहकों की शिकायतें बढ़ी हैं. 2021-22 में मोबाइल बैंकिंग को लेकर जहां 14.69 प्रतिशत शिकायतें रिसीव हुई थीं, वहीं लोन सर्विसेस को लेकर तब 9.14 प्रतिशत शिकायतें ऑम्बुड्समैन को रिसीव हुई थीं.