नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. उम्मीद थी कि महाराष्ट्र में भी चुनाव का ऐलान आयोग करेगा, क्योंकि पिछली बार महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने इसकी वजह बताई है.
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त?
उन्होंने प्रेस वार्ता में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि, महाराष्ट्र में अभी मानसून का समय चल रहा है. इसके लिए कई त्योहार भी हैं जो एक के बाद एक हैं. इसलिए इस बार महाराष्ट्र में चुनाव का ऐलान नहीं किया गया है. चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनावों को लेकर कहा है कि इस बार महाराष्ट्र का चुनाव हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ नहीं होगा.
महाराष्ट्र में मानसून और कई त्योहार
आयोग ने बताया कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव एक साथ कराए जा रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव बाद में होंगे. आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में इस समय मानसून है, जिससे मतदाता सूचियों का काम लंबित है। इसके अलावा, पितृपक्ष, दिवाली, और गणेश चतुर्थी जैसे प्रमुख त्योहार भी आ रहे हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.
26 नवंबर को पूरा हो रहा है महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल
आयोग ने स्पष्ट किया कि संविधान के तहत विधान सभा का कार्यकाल पूरा होने के छह महीने पहले तक चुनाव कराए जा सकते हैं, और यह आयोग का विशेषाधिकार है. बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है.
‘त्योहार तो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी हैं…’, एक्सपर्ट ने उठाए सवाल
मुख्य चुनाव आयुक्त की इस दलील को लेकर एक्सपर्ट ने भी अपनी राय दी है. आजतक से बात करते हुए विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने दो राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है, लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र या अन्य राज्यों जहां अगले ही कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के लिए कोई घोषणा नहीं की है, इसके पीछे क्या वजह है, यह कह नहीं सकते. महाराष्ट्र को लेकर CEC ने दलील दी है कि वहां मानसून है, या गणेश चतुर्थी है या दशहरा-दीपावली है. तो ये सारे त्योहार तो हरियाणा में भी हैं, जम्मू-कश्मीर में भी हैं.