नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में 20 दिसंबर से लेकर जनवरी के आखिर तक 40 दिनों का सीजन ऐसा रहता है, जब सर्दी अपने पीक पर होती है। इन 40 दिनों की अवधि को ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है। यह फारसी का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है बड़ी सर्दी। इस साल यह पूरी अवधि निकल गई है, लेकिन पूरे जम्मू-कश्मीर में ज्यादा बारिश और बर्फबारी नहीं हुई। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौसम में इस तरह के बदलाव का असर राज्य में खेती और बागबानी पर देखने को मिल सकता है। अब उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के पहले सप्ताह में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर चिंता की बात होगी।
अपने ग्लेशियरों, बर्फ से ढकी वादियों और झीलों के लिए जाने जाने वाले कश्मीर में ऐसे हालात चिंता बढ़ा रहे हैं। दिसंबर और जनवरी में बर्फ नहीं पड़ी है। सूखी ठंड का इतना लंबा दौर कश्मीर में इससे पहले कब दिखा था लोगों को याद तक नहीं है। बीते दो दिनों में कुछ बारिश और बर्फबारी हुई है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि आने वाले कुछ सप्ताह में अच्छी बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो यह क्लाइमेट चेंज से हुआ बदलाव माना जाएगा और इसके बड़े खतरे होंगे। गौरतलब है कि एक तरफ कश्मीर में बर्फबारी नहीं हो रही है तो वहीं तमिलनाडु के ऊटी समेत कई इलाकों में तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
कश्मीर में बारिश न होने से पानी की सप्लाई पर भी असर होगा। जम्मू-कश्मीर के कृषि निदेशक चौधरी मोहम्मद इकबाल ने कहा कि पिछले एक दिन से कुछ बर्फबारी और बारिश हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि 10 फरवरी तक अच्छी खासी बर्फबारी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए अगले 7 से 10 दिन बहुत अहम होंगे। कृषि उत्पादन के लिए इस पर नजर रहेगी। यदि ड्राई स्पेल जारी रहता है तो फिर हमारी खड़ी फसलों को भी नुकसान होगा। इकबाल ने कहा कि किसान यहां बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं।
4 फरवरी तक मैदानी इलाकों में बारिश का अनुमान, क्या बोला विभाग
उन्होंने कहा कि राज्य में सरसों, गेहूं, ओट्स और सब्जियों समेत तमाम फसलें प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि मौसम ऐसा ही रहा तो आने वाली फसलों पर भी असर होगा। बता दें कि जम्मू कश्मीर के अलावा हिमाचल और उत्तराखंड में भी बीते सालों के मुकाबले बर्फबारी काफी कम हुई है। यह एक बड़ी चिंता की वजह है। गौरतलब है कि मैदानी राज्यों में भी सर्दियों के सीजन में अब तक बारिश नहीं हुई है। अब मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 30 जनवरी से 4 फरवरी तक बारिश हो सकती है। यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में बारिश की संभावना है।