पूर्णिमा की रात बेहद शुभ और कुछ उपायों के लिए खास तो होती ही है, लेकिन ये प्रेग्नेंट औरतों के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है. अगर आपके गर्भ में एक नन्ही सी जान है और आप चाहती है कि वो ज़िंदगी भी स्वस्थ रहे, बुद्धिमान बनें तो आप पूर्णिमा की रात कुछ खास बातों का ध्यान रखें. वैज्ञानिकों ने भी इन धार्मिक प्रथाओं का समर्थन किया है. पूर्णिमा की रात किसी भी गर्भवती महिला के लिए क्यों खास होती है. इस रात किसी भी प्रेग्नेंट वुमेन को क्या उपाय करने चाहिए ये सब हम आपको बता रहे हैं.
इतनी देर नाभि पर आने दें चांद की रोशनी
गर्भवति महिलाएं साड़ी या कोई ऐसी कपड़ा पहनकर चांद की रोशनी में 20-25 मिनट खड़ी हों जिससे आपकी नाभि पर चांद की किरणें सीधा पड़ें. इससे आपके गर्भ में पल रहे बच्चे में आप हलचल तो महसूस करेंगी ही लेकिन उस कई तरह के लाभ भी पहुंचाएंगी.
चांद की किरणों के फायदे
पूर्णिमा की रात स्वास्थ्य व सकारात्मकता देने वाली मानी जाती है. चंद्रमा धरती के बहुत समीप होता है. वैज्ञानिक भी मानते हैं कि पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के लवण व विटामिन आ जाते हैं. जिससे आम लोगों को ही नहीं बल्कि प्रेग्नेंट औरतों को भी लाभ होता है. पृथ्वी के पास होने पर इसकी किरणें सीधे आपके शरीर पर पड़ती है जिससे आप अंदर से स्वस्थ और ताज़ा महसूस करते हैं. इससे तनाव भी दूर होता है.
पूर्णिमा का उपाय
पुराणों में बताया गया है कि पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी जब खाद्य पदार्थों पर पड़ती हैं तो उनकी गुणवत्ता में भी और सुधार हो जाता है. इसलिए विशेषकर पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी में खीर रखना और भगवान को भोग लगाकर स्वयं ग्रहण करने से गर्भवती महलिओं की इन्द्रियों का बल और ओज बढ़ता है. जिसका सकारात्मक असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है.
बच्चे को बनाएगा बलवान
इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है. ऐसा करने से मान्यता है कि गर्भ में आपके बच्चे के नेत्रों की शक्ति पर भी इसका असर पड़ता है.