नई दिल्ली: कतर और भारत की दोस्ती का एक और उदाहरण आज देखने को मिला। कतर ने नौसेना के 8 पूर्व अफसरों की मौत की सजा पर रोक लगा दी। पिछले साल कतर में गिरफ्तार हुए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों पर जासूसी के आरोप लगे थे। कतर की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन भारत सरकार की दखल और बातचीत के बाद इस सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। भारत की इस कूटनीतिक जीत के पीछे दोनों देशों के इमोशनल और बिजनेस इक्वेशन है। एक नजर भारत और कतर के कारोबारी रिश्ते पर….
50 साल पुराना रिश्ता
भारत-कतर के राजनयिक रिश्ते की शुरुआत साल 1973 में शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच 50 साल पुराना ये रिश्ता कारोबारी स्तर पर भी काफी मजबूत है। दोनों देशों को एक दूसरे की अहमियत का पता है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और कतर के बीच 15 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार हुआ है। भारत और कतर के बीच तेल से लेकर अनाज तक का आयात-निर्यात होता है। भारत को लगभग 80 फीसदी गैस की आपूर्ति अकेले कतर करता है। वहीं कतर अनाज, आभूषण, धातु, सब्जियां, कपड़े, मैन्युफैक्टरिंग गुड्स के लिए भारत पर निर्भर करता है। कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक भारत की 6000 से ज्यादा छोटी-बड़ी कंपनियां वहां कारोबार कर कतर की इकॉनमी में बड़ा रोल निभा रही है।
कतर की इकॉनमी के लिए भारत जरूरी
कतर की इकॉनमी में भारतीयों का बड़ा रोल है। कतर की कुल आबादी लगभग 30 लाख है, जिसमें से 7.5 लाख भारतीय हैं। ये भारतीय कतर की इकॉनमी में बड़ा रोल निभाते हैं। कतर का इंफ्रास्ट्रक्चर भारतीय मजदूरों पर निर्भर करता है। दोनों देशों के बीच करीब 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का कारोबार होता है। ये कारोबारी रिश्ता सिर्फ आयात-निर्यात तक सीमित नहीं है। कतर ने भारत में कई निवेश किए है। वहीं भारत ने भी कतर में उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रासायनिक उद्योग में निवेश किया है। कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने रिलायंस रिटेल में निवेश किया है। इसी तरह से कुछ और कंपनियां है, जिन्होंने भारतीय कंपनियों में निवेश किया है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है कतर
कतर भारत में लिक्विड नेचुरल गैस (LNG) का सबसे बड़ा स्त्रोत है। एलएनजी भारत-कतर के व्यापारिक संबंधों के केंद्र में है। कतर से भारत के कुल आयात में एनएलजी की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी की है। हालांकि कतर भारत को स्पेशल दोस्त की कैटेगरी में रखता है। भारत का ये खास दोस्त उसे किफायती दरों पर एलएनजी उपलब्ध करवाता है। साल 2016 में कतर ने भारत के लिए LNG के रेट में 50 फीसदी की कटौती कर दी थी। कतर के साथ अच्छे संबंधों के चलते भारत से साल 2003 से लेकर अगले 11 सालों में 15 अरब डॉलर की बचत की। कतर भारत को एनर्जी सिक्योरिटी की गारंटी देता है।
कतर को क्या बेचता है भारत
ऐसा नहीं है कि कतर पर सिर्फ भारत की निर्भरता है। कतर भी कई चीजों के लिए भारत पर निर्भर है। दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात होते हैं। भारत जहां कतर से नैचुरल गैस, इथेनॉल, उर्वरक, रसायस, पेट्रोकैमिकल, प्लास्टिक और एल्युमिनियम खरीदता है तो वहीं कतर भारत से अनाज, गेंहू, तांबा, लोहा, इस्पात, सब्जियां, प्लास्टिक, निर्माण सामग्री, कपड़े-गारमेंट्स आदि खरीदता है। खासकर गेंहू और चावल के लिए कतर की निर्भरता भारत पर है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने कतर से 15.3 अरब डॉलर का सामान आयात किया तो वहीं कतर ने भारत से 5.9 अरब डॉलर का सामान आयात किया। साल 1995 से लेकर 2020 तक भारत से कतर को निर्यात 29.3 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.34 अरब डॉलर हो गया। इसमें साल-दर साल बढ़ोतरी हो रही है।