Saturday, May 10, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

सावन में क्‍यों निकाली जाती है कांवड़ यात्रा?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
23/07/24
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
सावन में क्‍यों निकाली जाती है कांवड़ यात्रा?

प्रतीकात्मक तस्वीर

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली: सावन महीना में शिव भक्‍त कंधों पर कांवड़ लेकर निकलते हैं और पवित्र नदियों के जल से शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. इस साल भी 22 जुलाई से सावन महीना शुरू हो गया है. उत्‍तर भारत में कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार ने जबरदस्‍त व्‍यवस्‍थाएं की हैं. साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर यात्रा मार्ग की खाने-पीने की दुकानों पर नाम लिखने को लेकर जो नया नियम जारी हुआ है, उसे लेकर विवाद भी हुआ. इसके अलावा कांवड़ यात्रा के मद्देनजर ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जा रही हैं, ताकि कांवड़ यात्रियों और आमजनों को समस्‍या ना हो. ऐसे में कई लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा है कि हर साल सावन में बड़ी संख्‍या में शिव भक्‍त केसरिया रंग के कपड़े पहनकर कांवड़ यात्रा क्‍यों निकालते हैं, कांवड़ यात्रा का महत्‍व क्‍या है, इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी? जानिए इन सभी के जवाब.

कांवड़ यात्रा 2024 की तारीख

साल 2024 में सावन महीने में निकाली जाने वाली कांवड़ यात्रा 22 जुलाई सोमवार से शुरू हो गई है. सावन में शिव भक्‍त कई किलोमीटर की यात्रा करके पवित्र नदियों का जल लाते हैं और शिवलिंग का उससे अभिषेक करते हैं. मुख्‍य तौर पर गंगा नदी का जल लाकर शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़िए गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इस साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्‍त 2024 को है.

… इसलिए निकाली जाती है कांवड़ यात्रा

कांवड़ यात्रा निकालने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं. इसमें एक कथा के अनुसार भगवान परशुराम ने पहली बार कांवड़ यात्रा निकाली थी और वे ही पहले कांवड़िया थे. भगवान शिव के भक्‍त भगवान परशुराम ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल ले जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया था, तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी.

वहीं एक अन्‍या कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पीने के कारण भगवान शिव का गला जलने लगा, तब शिवजी के परम भक्‍त रावण ने कांवड़ से जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक किया. इससे शिवजी को राहत मिली थी, तब से ही शिव जी को प्रसन्‍न करने के लिए कांवड़ यात्रा निकाली जाती है.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.