पटना: बिहार में मॉनसून की बेरूखी के चलते आम जन परेशान है। राज्य में भारी बारिश का इंतजार पांच दिन और बढ़ गया है। 5 अगस्त तक झमाझम बरसात के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। बिहार में मॉनसूनी बारिश को प्रभावित करने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस, ट्रफ लाइन और मौसमी सिस्टम सब शांत दिख रहे हैं। इससे खुद मौसम विभाग भी अचंभित है और इस पर रिसर्च करने पर विचार कर रहा है। बिहार में बीते लगभग 18 दिनों से भारी बारिश नहीं हुई है, जिससे अब सूखे के आसार बनते जा रहे हैं।
मौसम विभाग को अंदेशा है कि शायद यह जलवायु परिवर्तन का असर हो सकता है। पटना मौसम केंद्र का पूर्वानुमान भी रोज अपना अनुमान बदल रहा है। एक दिन पहले मौसम केंद्र 4 अगस्त को राज्य में मॉनसून के फिर से सक्रिय होने का अनुमान जता रहा था। अब उसका पूर्वानुमान 5 अगस्त तक खिसक गया है। अगर स्थिति इसी तरह विपरित रही तो आम जनजीवन बिना बारिश की वजह से अस्तव्यस्त हो जाएगा। सबसे ज्यादा असर खेती पर पड़ेगा। पर्याप्त पानी नहीं मिलने से धान की फसल प्रभावित होगी और उपज काफी कम होगी।
बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे किसान फिलहाल निजी तौर पर सिंचाई कर धान को खड़ा करने की जुगत में लगे हुए हैं। हालांकि उसका भी कुछ खास नतीजा नहीं दिख पा रहा है। आने वाले समय में अगर यही हाल रहे तो इसका प्रभाव काफी बुरा हो सकता है। दूसरी ओर, बारिश नहीं होने से मौसम में आर्द्रता और गर्मी भी बढ़ रही है, जिससे लोगों के पसीने छूट रहे हैं।