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पौष पूर्णिमा क्यों मानी जा रही खास? स्नान-दान का मिलेगा दोगुना लाभ

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
28/12/24
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
पौष पूर्णिमा क्यों मानी जा रही खास? स्नान-दान का मिलेगा दोगुना लाभ
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नई दिल्ली: पौष माह का आखिरी दिन पौष पूर्णिमा कहलाता है. साधु-संतों के लिए ये विशेष पर्व होता है. इस दिन कई संत, आमजन तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान दान कर पुण्य कमाते हैं. कई पुराणों में जिक्र किया गया है कि पौष महीने की पूर्णिमा मोक्ष दिलाती है.

वैसे तो सालभर की सभी पूर्णिमा तिथि खास है लेकिन 2025 में पौष पूर्णिमा का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसी दिन से महाकुंभ (Mahakumbh 2025) की शुरुआत हो रही है. आइए जानते हैं नए साल में पौष पूर्णिमा कब है, नोट करें डेट, पूजा मुहूर्त.

पौष पूर्णिमा 2025 कब ?

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को है. इसी दिन महाकुंभ का पहला शाही स्नान होगा. पौष पूर्णिमा, माघ माह में एक माह तक की जाने वाली तपस्या के आरम्भ का प्रतीक है. पौष पूर्णिमा के दिन शाकम्भरी जयन्ती भी मनायी जाती है.

पौष पूर्णिमा 2025 मुहूर्त

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 14 जनवरी 2025 को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर इसका समापन होगा.

स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 5.27 – सुबह 6.21

सत्यनारायण पूजा – सुबह 9.53 – सुबह 11.11

चंद्रोदय समय – शाम 05.04

लक्ष्मी पूजा – प्रात: 12.03 – प्रात: 12.57

पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान का दोगुना महत्व

पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र डुबकी लगाने से मनुष्य को जीवन-मरण के अनवरत चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है. इस पर्व पर किए गए पुण्य का फल कभी खत्म नहीं होता है. इस दिन काशी, प्रयाग और हरिद्वार में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. खासकर महाकुंभ के दौरान पौष पूर्णिमा के स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, इस दिन प्रयागराज में संगम तट पर स्नान करने वालों के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. पूर्णिमा को माघ स्नान का संकल्प ले लेना चाहिए.

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