नई दिल्ली l भारतीय टीम से लगातार बाहर चल रहे स्टार युवा ओपनर पृथ्वी शॉ सुर्खियों में बने हुए हैं. 23 साल के पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी 2022-23 सीजन में बड़ा रिकॉर्ड बनाया है. मुंबई के लिए खेलते हुए पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ 379 रनों की पारी खेलकर बीसीसीआई सेलेक्टर्स को भी मुंहतोड़ जवाब दिया है.
पृथ्वी शॉ ने मैच में 383 गेंदों पर ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए 379 रन बनाए. अपनी इस पारी में इस ओपनर ने 4 छक्के और 49 चौके जमाए. उनका स्ट्राइक रेट भी 98.96 का रहा. इस पारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर पृथ्वी शॉ ट्रेंड में आ गए हैं.
पृथ्वी शॉ के बल्ले ने उगली आग, जड़ी ट्रिपल सेंचुरी
बता दें कि पृथ्वी शॉ ने जुलाई 2021 के बाद से ही भारतीय टीम के लिए कोई मैच नहीं खेला है. उन्हें श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा घरेलू सीरीज के लिए भी नहीं चुना गया. ऐसे में यूजर्स ने अब यह सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि इतना शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद आखिर क्यों पृथ्वी शॉ को भारतीय टीम में मौका नहीं मिल रहा है?
फैन्स को इस सवाल का सटीक जवाब शायद इन आंकड़ों से मिल सकता है, जो पृथ्वी शॉ के पिछले 10 मैचों में रहे हैं. दरअसल, असम के खिलाफ खेली गई 379 रनों की पारी से ठीक पहले पृथ्वी शॉ पिछले 10 मैचों में कोई जादू नहीं दिखा सके थे.
13 पारियों का प्रदर्शन सेलेक्शन के लायक नहीं!
उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खेले इन पिछले 10 मैचों की 13 पारियों में सिर्फ 351 रन ही बनाए थे. यानी पृथ्वी शॉ का 13 पारियों का यह कुल टोटल उनके उस 379 रन के स्कोर से भी कम है, जो उन्होंने असम के खिलाफ एक पारी में बनाया है. पिछली 13 पारियों में पृथ्वी शॉ एक शतक भी नहीं लगा सके थे. इस दौरान उन्होंने सिर्फ 3 फिफ्टी लगाई थीं.
कुल मिलाकर यह कहें कि पिछली 14 पारियों में पृथ्वी शॉ के बल्ले से सिर्फ एक ही शतक आया है. यह स्कोर असम के खिलाफ 379 रनों की पारी ही है. ऐसे में फैन्स को यह समझना चाहिए की टीम इंडिया में सेलेक्शन के लिए यह प्रदर्शन बिल्कुल अच्छा नहीं था. हां, ये हो सकता है कि अब इस 379 रनों की पारी के बदौलत सेलेक्टर्स पृथ्वी शॉ को आगे किसी सीरीज में मौका दे सकते हैं.
ईशान और शुभमन गिल से है सीधी टक्कर
वैसे यह भी देखा जाना चाहिए की वनडे मैचों के लिए भारतीय टीम में कई दावेदार हैं. ओपनिंग में पृथ्वी शॉ की सीधी टक्कर शुभमन गिल और ईशान किशन से होगी. ईशान ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दोहरा शतक बनाया था. उसके बावजूद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ पहले दो मैचों में प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिल सकी. ऐसे में पृथ्वी शॉ का नंबर तो थोड़ी दूर की बात लगती है.
कोहली-पंड्या-राहुल जैसा सपोर्ट क्यों नहीं?
अब यहां कुछ हार्डकोर फैन्स कह सकते हैं कि खराब प्रदर्शन के बावजूद केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, हार्दिक पंड्या और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को सपोर्ट और मौका मिल सकता है, तो पृथ्वी शॉ को क्यों नहीं? इस सवाल का जवाब कुछ इस तरह समझ सकते हैं कि राहुल, पंड्या और कोहली अपनी अलग खासियत रखते हैं. यह तीनों जब फॉर्म में होते हैं, तो एक तरफा मैच जिताने की काबिलियत रखते हैं.
इन में कोहली, पंड्या और पुजारा ने अपनी लय हासिल कर टीम इंडिया को जिताना शुरू कर दिया है. केएल राहुल अपवाद हो सकते हैं, जो लगातार टीम में बने हुए हैं और बड़े मैचों और बड़ी टीमों के खिलाफ लगातार फ्लॉप होकर पीठ दिखाते बनते हैं. 23 साल के पृथ्वी शॉ के सामने पूरा करियर बाकी है और उम्मीद जताई जा सकती है कि आगे उन्हें भी इस तरह का सपोर्ट मिलता दिखाई दे सकता है.