नई दिल्ली : कर्नाटक के चामराजनगर जिले में गुंडलुपेट विधानसभा सीट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन किलोमीटर का रोड शो किया, जो लगभग दो घंटे तक चला। 2018 में कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले गुंडलुपेट पर भाजपा ने जीत दर्ज कर कब्जा जमाया था लेकिन इस बार यह सीट भाजपा के लिए आसान नहीं दिखाई दे रही है। एक स्थानीय भाजपा नेता के मुताबिक इंटरनल सर्वे भाजपा के पक्ष में जाते नहीं दिखाई दे रहे हैं और यह बात केंद्रीय नेतृत्व भी समझता है इसीलिए लिंगायत वोट आधार को बनाए रखने के लिए गृह मंत्री अमित शाह खुद यहां रोड शो करने पहुंचे थे।
इस किले को फतह करना भाजपा के लिए क्यों है जरूरी?
गुंडलुपेट विधानसभा सीट को एक मजबूत लिंगायत आधार वाली सीट माना जाता है। यह केरल और तमिलनाडु दोनों का प्रवेश द्वार है। इसे बाघों की भूमि (Land of Tigers) के रूप में जाना जाता है और यहां बांदीपुर राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य स्थित है। गुंडलूपेट पांच बार के विधायक रहे एचएस महादेव प्रसाद के नाम से भी जाना जाता था। जिन्होंने 1994 से जनता दल और बाद में जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेक्युलर) के लिए सीट जीती थी। 2005 में सिद्धारमैया के जद (एस) छोड़ने के बाद, प्रसाद उनके साथ कांग्रेस में आ गए। नतीजतन, गुंडलूपेट में जद (एस) का पतन हो गया और सीट पर भाजपा का उदय शुरू हो गया। 2017 में प्रसाद के निधन के बाद उनकी पत्नी मोहन कुमार ने उपचुनाव जीता लेकिन अगले वर्ष 2018 में भाजपा के निरंजन कुमार ने पहली बार पार्टी के लिए निर्वाचन क्षेत्र जीता।
क्यों भाजपा के खिलाफ बन रहा है माहौल
जहां भाजपा ने अपने प्रत्याशी निरंजन कुमार को फिर से मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने महादेव प्रसाद के बेटे गणेश को टिकट दिया है और जद (एस) ने निवर्तमान विधायक के पूर्व सहयोगी कदबुर मंजूनाथ को मैदान में उतारा है। निरंजन कुमार कुमार के एक अन्य पूर्व सहयोगी एमपी सुनील निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। निर्वाचन क्षेत्र के 2.09 लाख मतदाताओं में से 40% लिंगायत हैं, इसके बाद 25% अनुसूचित जाति (एससी) के मतदाता हैं, और 10% कुरुबा हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के हैं। इस सीट पर लिंगायत के दबदबे को देखते हुए तीनों प्रमुख उम्मीदवार इसी समुदाय से हैं।
जद(एस) के कार्यकर्ता महादेव प्रसाद ने कहा, ”पिछली बार भाजपा को वोट दिया था, लेकिन चीजें उलटी हो गईं। उन्होने कहा, “जंगलों में क्रशरों के खिलाफ लड़ने वाले मौजूदा विधायक निरंजन कुमार ने वही धंधा शुरू कर दिया है”