साल 2023 का सावन अधिक मास लगने के कारण कुल 59 दिनों का हो रहा है। ऐसा दुर्लभ संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है। कई जगह लोग अधिक मास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस दौरान सूर्य संक्रांति नहीं होती इस वजह से इस महीने को मलमास कहा जाता है। मलमास 18 जुलाई से शुरू है जो 31 अगस्त तक बना रहेगा। आइए जानते हैं इस दौरान क्यों वर्जित होते हैं कोई भी शुभ कार्य।
इसलिए वर्जित होते हैं शुभ कार्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने की प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। बता दें कि सूर्यदेव लगभग हर महीने अपनी राशि बदलते रहते हैं लेकिन मलमास वह महीना होता है जिसमें सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होता। इसी वजह से इसे मालीन मास या मलमास कहा जाता है। इस दौरान शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन और नए कपड़े और गहने खरीदने जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हैं।
भूलकर भी ना करें यह कार्य
अधिक मास के दौरान शादी विवाह करने की मनाही होती है। इस दौरान कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है। अगर आप बिना शुभ मुहूर्त के इस दौरान शादी–ब्याह करते हैं तो आपका दांपत्य जीवन कलह है से भरा रहेगा। इसके अलावा, इस दौरान नए कपड़े खरीदने और नए गहनों की खरीदारी से भी बचना चाहिए। दूसरी ओर इस महीने नया घर खरीदने, गृह प्रवेश करने और कोई नया व्यवसाय शुरू करने से भी बचना चाहिए।