दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश इंडोनेशिया नई राजधानी बसा रहा है. ये राजधानी बोर्नियो द्वीप पर बसाई जा रही है, जिसका नाम नुसंतारा होगा. इंडोनेशिया के सांसद ने बताया है कि कि इंडोनेशिया की संसदीय बजट समिति ने नई राजधानी नुसंतारा के निर्माण के लिए अतिरिक्त 15 ट्रिलियन रुपए (1.01 बिलियन डॉलर) की मंजूरी दी है.
राजधानी बनाने के लिए सरकार अतिरिक्त 15 ट्रिलियन इसी साल खर्च करेगी, जो साल 2023 में बोर्नियो द्वीप पर नुसंतारा के विकास के लिए आवंटित 22 ट्रिलियन रुपए से अलग हैं. ये मुस्लिम देश साल 2024 के मध्य तक राजधानी के मुख्य प्रशासनिक कार्यालयों को पूरा करने पर जोर दे रहा है. इंडोनेशिया का प्लान साल 2024 तक वहां राष्ट्रपति भवन को शिफ्ट करने का है. राजधानी में राष्ट्रपति भवन के अलावा मंत्रियों के ऑफिस भी बनेंगे, जिसमें कम से कम 16 हजार सिविल सेवा के अधिकारी, सेना और पुलिस के अधिकारी शामिल हैं.
इंडोनेशिया में अगले साल होगा राष्ट्रपति चुनाव
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा है कि नई राजधानी बसाने की परियोजना की कुल लागत का केवल 20 फीसदी यानी $32 बिलियन सरकार खर्च करेगी, जबकि बाकी का पैसा निजी क्षेत्र से आएगा. बड़ी बात यह है कि सरकार के प्रोत्साहन के बावजूद राजधानी बनाने के एक भी कॉन्ट्रेक्ट पर साइन नहीं किया गया है, क्योंकि निवेशक परियोजना की फिजिबिलिटी और निरंतरता को लेकर चिंतित हैं. इंडोनेशिया नया राष्ट्रपति चुनने के लिए फरवरी 2024 में चुनाव होगा. राष्ट्रपति जोको विडोडो का यह आखिरी कार्यकाल होगा. वह दूसरी बार इस पद पर काबिज हुए थे.
क्यों नई राजधानी बसा रहा इंडोनेशिया?
बता दें कि इंडोनेशिया की वर्तमान राजधानी जकार्ता एक बड़े संकट का सामना कर रही है. जकार्ता धीरे धीरे समुद्र में डूबता जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जकार्ता का एक तिहाई हिस्सा साल 2050 तक पूरी तरह समुद्र में डूब सकता है. कहा जाता है कि जकार्ता का 40 फीसदी हिस्सा अब अब समुद्र तल से नीचे है. इस संकट के अलावा जकार्ता प्रदूषण के खतरनाक स्तर से भी जूझ रहा है.