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भारत की ब्रह्मोस और राफेल की स्‍कैल्‍प मिसाइलों को क्‍यों नहीं रोक पाया पाकिस्‍तान?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
09/05/25
in अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, समाचार
भारत की ब्रह्मोस और राफेल की स्‍कैल्‍प मिसाइलों को क्‍यों नहीं रोक पाया पाकिस्‍तान?
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नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया है। भारतीय वायुसेना ने हवाई हमले में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। भारत ने यह नहीं बताया है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर किस हथियार का इस्‍तेमाल किया लेकिन करीब 100 किमी अंदर पंजाब प्रांत के पास भारतीय हथियारों ने जैश और लश्‍कर के ठिकानों पर तबाही मचाई है। भारत ने कुल 9 जगहों पर 21 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जिसमें बड़ी संख्‍या में आतंकी मारे गए हैं। कई सैन्‍य विश्‍लेषकों का कहना है कि भारत ने इस भीषण हमले में फ्रांस की SCALP और स्‍वदेशी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का इस्‍तेमाल किया। अब पाकिस्‍तानी सेना के पूर्व अधिकारी ने बताया है कि क्‍यों पाकिस्‍तान इन मिसाइलों को मार‍ गिराने में सफल नहीं हो पाया। आइए समझते हैं…

पाकिस्‍तान की वायुसेना के पूर्व वाइस एयर मार्शल इकरामुल्‍लाह भट्टी ने बीबीसी से बातचीत में दावा किया कि देश के पास एयर डिफेंस सिस्‍टम के जरिए कम दूरी, मध्‍यम दूरी और लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली क्रूज मिसाइलों और बलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता है। इसमें चीन का एचक्‍यू 16 एयर डिफेंस सिस्‍टम भी शामिल है। उन्‍होंने खुलासा किया कि पाकिस्‍तानी सेना के पास हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलों को रोकने की क्षमता ही नहीं है। बताया जा रहा है कि भारत ने सुखोई-30 एमकेआई विमानों की मदद से ब्रह्मोस मिसाइल का एयर लांच वर्जन इस्‍तेमाल किया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पाकिस्‍तानी सेना के पास ब्रह्मोस को रोकने की क्षमता ही नहीं

पाकिस्‍तान के ही पूर्व एयर कमोडोर आदिल सुल्‍तान ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि भारत और पाकिस्‍तान की सीमाएं मिलती हैं। ऐसे में पूरी तरह से हमले से सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है। उन्‍होंने भी कहा कि हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को 100 फीसदी रोकना असंभव है। भट्टी ने कहा कि हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलें अब बहुत आधुनिक हो गई हैं। इनकी स्‍पीड बहुत ज्‍यादा हो गई है। यह मैक 3 से लेकर मैक 9 तक है। उन्‍होंने दावा किया कि अमेरिका, चीन, रूस के पास भी इतनी ज्‍यादा स्‍पीड वाली मिसाइलों को रोकने की क्षमता नहीं है।

भट्टी ने कहा कि हवा से दागे जाने वाली मिसाइलों को रोकने में एक और दिक्‍कत यह है कि उनकी उड़ान की अवधि काफी कम होती है। इस वजह से उसे मार गिराने के लिए रिएक्‍शन समय काफी कम होता है। वहीं जमीन से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलों की बात करें तो उनको पहुंचने में काफी टाइम लगता है और इसी वजह से उसे मार गिराना संभव होता है। बता दें कि स्‍कैल्‍प एक हवा से दागे जाने वाली क्रूज मिसाइल है जो स्‍टील्‍थ तकनीक से लैस है। इसे लंबी दूरी तक हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे ब्रिटेन में स्‍टॉर्म शैडो मिसाइल कहा जाता है। इसे रात हो या दिन किसी भी मौसम में इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

कितनी खास है ब्रह्मोस म‍िसाइल

वहीं ब्रह्मोस की बात करें तो यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो तीनों ही सेनाओं में शामिल है। इसे ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस ने बनाया है जो भारत का रूस का ज्‍वाइंट वेंचर है। ब्रह्मोस मिसाइल क्रूज फेज में मैक 3 की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है जिससे उड़ान का समय कम लगता है और बहुत कम समय में यह अपने लक्ष्‍य को तबाह कर देती है। इसी वजह से इसे मार गिराना भी संभव नहीं होता है। ब्रह्मोस ‘दागो और भूल जाओ’ की नीति पर काम करती है। इसके अंदर 200 से लेकर 300 किलो तक बारुद होता है। इसकी रेंज अब करीब 800 किमी तक हो गई है।

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