Monday, June 16, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home बिहार

नीतीश, तेजस्वी और चिराग के साथ-साथ मांझी-सहनी की राजनीति क्यों खतरे में?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
13/04/25
in बिहार, समाचार
नीतीश, तेजस्वी और चिराग के साथ-साथ मांझी-सहनी की राजनीति क्यों खतरे में?
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

पटना. बिहार में पांडे और लांडे के बाद अब एक और शख्स ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है. हाल के दिनों में तांती-ततवा समाज की सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरे इंजीनियर आईपी गुप्ता ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में लाखों की भीड़ में इंडियन इंकलाब पार्टी बनाने की घोषणा कर दी. इस दौरान गुप्ता ने कहा ‘लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टी इसलिए चली, क्योंकि उनके पक्ष में सबसे पहले जमात खड़ा हुआ. आज बिहार के तांती-ततवा समाज खड़े हो गए हैं, जिन्हें अब तक दबा कर रखा गया. मिला आरक्षण भी वापस ले लिया गया. इंडियन इंकलाब पार्टी अब लड़ेगा और बिहार में इतिहास बनाएगा.’

बिहार की सियासत में हाल के दिनों में प्रशांत किशोर और शिवदीप लांडे के बाद एक और नए नेता का उभार देखने को मिला. आईपी गुप्ता, जिन्हें इंजीनियर इंद्र प्रकाश गुप्ता के नाम से भी जाना जाता है, ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘पान महारैली’ ने न केवल तांती-ततवा समाज को एकजुट किया, बल्कि बिहार की कई पार्टियों की नींद उड़ा दी है. इसका असर तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी जैसे दिग्गज नेताओं की रणनीतियों पर कितना पड़ेगा?

तांती-ततवा समाज की नई पार्टी

आईपी गुप्ता मूल रूप से बिहार के तांती-ततवा समाज से ताल्लुक रखते हैं, जो अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की एक महत्वपूर्ण जाति है. वे पेशे से इंजीनियर हैं और लंबे समय तक सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं. गुप्ता कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपनी अलग राह चुनी और तांती-ततवा समाज के अधिकारों के लिए एक नई लड़ाई शुरू की. हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. उनकी राजनीतिक सक्रियता तब चर्चा में आई, जब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने तांती-ततवा समाज को अनुसूचित जाति (SC) की सूची से हटाकर EBC में शामिल कर दिया. इस फैसले से समाज में नाराजगी फैली और गुप्ता ने इसे एक बड़े आंदोलन का रूप दे दिया.

आई पी गुप्ता कितना असरदार होंगे?

बिहार में तांती-ततवा समाज की लगभग 20 लाख की आबादी है. लंबे समय से EBC समुदायों को अपने पक्ष में करने की बात करने वाले नीतीश कुमार को इससे खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि, तांती-ततवा समाज का आक्रोश और गुप्ता का उभार बिहार में नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंध लगा सकता है. वहीं, तेजस्वी यादव के लिए भी नई पार्टी का उभार चुनौती बन सकता है. क्योंकि, हाल के वर्षों में तेजस्वी युवाओं और पिछड़े वर्गों को लुभाने की कोशिश की है. लेकिन गुप्ता की रैली ने दिखाया कि ईबीसी वोटर अब नए नेतृत्व की तलाश में हैं, जो तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकता है.

किस नेता की राजनीति खतरे में?

वहीं, दलित और EBC वोटों पर दावा करने वाले चिराग पासवान की राजनीति भी खतरे में पड़ सकती है. चिराग के लिए यह रैली खतरे की घंटी है. उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को अब एक नए प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी बिहार में EBC और युवा वोटरों को लक्ष्य कर रही है. गुप्ता का उभार उनकी रणनीति को कमजोर कर सकता है, क्योंकि पान रैली ने एक वैकल्पिक सामाजिक आंदोलन की ताकत नजर आती है. वीआईपी पार्टी के मुकेस सहनी की राजनीति भी गुप्ता आने वाले दिनों में प्रभावित कर सकते हैं.

जानकारों की मानें तो नीतीश और तेजस्वी जैसे नेताओं की पुरानी छवि के बीच गुप्ता एक नए और जमीनी नेता के रूप में उभर सकते हैं. आईपी गुप्ता की पान रैली ने बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है. उनकी नई पार्टी और तांती-ततवा समाज की एकजुटता 2025 के विधानसभा चुनाव में कितना बदलाव लाएगी, यह देखना बाकी है. लेकिन इतना तय है कि गुप्ता ने नीतीश, तेजस्वी, चिराग, मुकेश सहनी और प्रशांत किशोर जैसे दिग्गजों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.