नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड 2 सीटों से चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी ने दोनों ही सीटों पर बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की थी। ऐसे में चुनाव जीतने के बाद उन्हें एक सीट छोड़नी थी। जनप्रतिनिधित्व नियमों के अनुसार एक सांसद एक ही संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकता है। ऐसे में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है। इस सीट पर अब उपचुनाव होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार शाम को ऐलान किया कि राहुल गांधी यूपी की रायबरेली सीट से सांसद बने रहेंगे। वहीं वायनाड सीट से प्रियंका गांधी पाॅलिटिकल डेब्यू करेंगी। प्रियंका गांधी के राजनीति में उतरने की अटकलें कई समय से लगाई जा रही थीं। लोकसभा चुनाव में भी उनके रायबरेली या अमेठी सीट चुनाव लड़ने की बात की जा रही थी लेकिन ये इंतजार आखिरकार समाप्त हो गया है। वहीं प्रियंका गांधी ने अपने पाॅलिटिकल डेब्यू पर कहा कि मैं वायनाड के लोगों को अपने भाई की अनुपस्थिति का अहसास नहीं होने दूंगी। ऐसे में आइये जानते हैं कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को रायबरेली की जगह वायनाड क्यों भेजा?
उत्तर भारत को दिया ये संदेश
लोकसभा चुनाव के दौरान यह अटकलें थी कि राहुल अमेठी से तो प्रियंका रायबरेली से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि कांग्रेस ने सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए अमेठी में सालों से गांधी परिवार के खास रहे किशोरी लाल शर्मा काे मौका दिया। जबकि प्रियंका गांधी को रायबरेली में कैंपेनिंग की जिम्मेदारी मिली ताकि राहुल गांधी पूरे देश में कांग्रेस की कमान संभाल सकें।
राहुल ने दोनों सीटें जीतीं और अब पार्टी ने फैसला किया कि राहुल वायनाड सीट छोड़ेंगे। दरअसल कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली से बरकरार रख कर यह संदेश दिया कि उत्तर भारत में पार्टी कमजोर नहीं हुई है। गांधी परिवार की परंपरागत सीटों पर राहुल गांधी जैसे मजबूत नेता की पार्टी को जरूरत थी। ऐसे में पार्टी हिंदी पट्टी के राज्यों में एक बार फिर मजबूती से वापसी कर सकती है।
विधानसभा चुनाव
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को मात्र 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। यूपी और बिहार जैसे राज्यों में पार्टी पूरी तरह से हाशिए पर चली गई, लेकिन लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया और 6 सीटों पर जीत दर्ज की। यही नहीं पार्टी ने अपनी परंपरागत सीट अमेठी को भी वापस छीन लिया। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में प्रियंका गांधी ने पूरी कैंपेनिंग का जिम्मा अपने पास रखा। हालांकि पार्टी को ज्यादा सफलता नहीं मिली। शायद इस वजह से भी पार्टी ने दक्षिण का रुख किया है।