अयोध्या : अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी रोक दिया गया है। 11 जनवरी को हिंदू पंचांग के अनुसार राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई गई है। वहीं 22 जनवरी को अंग्रेजी महीने से इसकी पहली वर्षगांठ है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि महाकुंभ को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। ऐसे में भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 4 फरवरी तक निर्माण कार्य रोक दिया है।
नृपेंद्र मिश्र ने दी निर्माण कार्य को लेकर जानकारी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा, ”अभी निर्माण की स्थिति पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। कल पत्थर और कांसे के चित्रों को लेकर चर्चा हुई थी। कारीगर भी आए थे। आज और कल, हम मंदिर के निर्माण और इसकी प्रगति पर चर्चा करेंगे। महाकुंभ के कारण अयोध्या में प्रतिदिन औसतन 2 लाख से अधिक भक्तों की संख्या बढ़ गई है। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ स्थानों पर निर्माण रोक दिया गया है। निर्माण 4 फरवरी तक रुका रह सकता है।”
तीन चरणों में होना है मंदिर का निर्माण
राम मंदिर का पूरा निर्माण तीन चरणों में होना है। पहला चरण 22 जनवरी 2024 से पहले ही पूरा कर लिया गया था, ताकि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अच्छे से पूरा हो जाए। पहले चरण में भूतल और गर्भ गृह का निर्माण होना था। दिसंबर 2025 तक राम मंदिर निर्माण का काम पूरा होने की संभावना जताई गई है।
राम मंदिर निर्माण कार्य में करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। कुछ महीने पहले ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण में खर्च को लेकर जानकारी साझा की थी। मंदिर के निर्माण कार्य में अगस्त तक करीब 540 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। जबकि आने वाले समय में करीब 850 करोड़ रुपये और खर्च होंगे।
मंदिर ट्रस्ट ने कहा था कि राम भक्त दिल खोलकर दान कर रहे हैं। भक्तों ने 20 किलो से अधिक सोना और 13 कुंतल चांदी भी दान कर दी है। 2023-24 में मंदिर के काउंटर पर जाकर भक्तों ने 53 करोड़ रुपये दान किए थे। जबकि रामलला के दान पत्र में भी 24 करोड़ से अधिक की राशि दान की जा चुकी है।