भोपाल: मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले का मामला तूल पकड़ रहा है। फजीहत के बाद सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस मामले में एमपी सरकार ने तत्कालीन नर्सिंग रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा आरोप लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार छोटी मछलियों पर कार्रवाई कर रही है। बड़े मगरमच्छों को सरकार क्यों छोड़ रही है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के एक बड़े मंत्री और सीनियर आईएएस अधिकारियों के नाम लिए हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लगाए आरोप
मोहन सरकार के एक्शन के बाद उमंग सिंघार ने वीडियो जारी कर कहा है कि रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को मोहन यादव ने बर्खास्त कर अच्छा कदम उठाया है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि बड़े मगरमच्छों को आप क्यों छोड़ रहे हैं। उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि एसीएस सुलेमान कोरोना काल से घोटाले करते नजर आ रहे हैं। क्या वह इसके अंदर भागीदार नहीं हैं। तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग क्या इसमें भागीदार नहीं हैं। इनके ओएसडी मयंक गुप्ता क्या इसमें नहीं शामिल थे जो अघोषित रूप से काम कर रहे थे। इसके साथ ही उमंग सिंघार ने आईएएस अफसर निशांत बरखड़े के भी नाम लिए हैं।
सिंघार का कहना है कि इस मामले में बड़े मगरमच्छ यही लोग हैं। आप इन्हीं के ऊपर कार्रवाई कीजीए न कि छोटी मछलियों पर। दरअसल, एमपी में नर्सिंग घोटाला एक बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में वैसे कॉलेजों का मान्यता दी गई है कि जो मापदंड नहीं रखते थे। कई कॉलेज तो किराए के भवन में चल रहे थे। घोटाला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
घोटाले की जांच कर रही एजेंसी में रिश्वतखोरी
वहीं, विडंबना यह रही है कि इस मामले की जांच कर रही सीबीआई भी अलग कारनामा करने लगी। जांच में कॉलेजों को क्लिनचिट देने के लिए सीबीआई के अफसर भी रिश्वतखोरी करने लगे। साथ ही अयोग्य कॉलेजों को फिट घोषित करने लगे। सीबीआई ने ही रिश्तखोरी रैकेट का खुलासा किया था।
मंत्री पर क्यों सवाल
गौरतलब है कि नर्सिंग घोटाले में मोहन सरकार के मंत्री पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि उस समय वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। लेकिन धड़ल्ले से नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट के दखल के बाद मामले की जांच शुरू की गई।