मुंबई: महाराष्ट्र के सियासी समीकरण पिछले पांच-छह सालों में पूरी तरह से बदल चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी को मिली हार के बाद गठबंधन की दरारें साफ दिखाई दे रही हैं। अब शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा है कि बीजेपी में कई नेता दोनों पार्टियों के साथ आने के पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में कोई आधिकारिक बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में भी कई लोगों के ऐसे विचार हो सकते हैं।
संजय राउत का यह बयान उद्घव ठाकरे और बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल के बीच एक शादी समारोह में हुई मुलाकात के बाद आया है। इस मीटिंग में चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि ऐसा मिलन उसके लिए “एक स्वर्णिम क्षण” होगा।
चंद्रकांत पाटिल के बयान का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, “चंद्रकांत पाटिल शुरू से ही शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के समर्थक रहे हैं… पहले गठबंधन में पुरानी पीढ़ी थी, जिसमें चंद्रकांत दादा जैसे नेता शामिल थे। अब बीजेपी में कई नए लोग हैं। वे 25 साल के इस गठबंधन का महत्व नहीं समझते… लेकिन चंद्रकांत पाटिल की भावनाएं उस पार्टी के कई लोगों की भावनाओं से मिलती जुलती हैं। क्योंकि हमने उनके (बीजेपी) साथ 25 साल तक अच्छे से काम किया।”
संजय राउत ने यह भी कहा कि शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के साथ भी अच्छा काम किया है। चंद्रकांत पाटिल को भावनाएं प्रकट करने के लिए धन्यवाद करते हुए संजय राउत ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे सेना ज्यादा लंबे समय तक बीजेपी के साथ नहीं रहेगी। शिंदे सेना में भी वैसी ही टूट होगी, जैसी शिवसेना में हुई।
संजय राउत का यह बयान महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात की पृष्ठभूमि में आया है। बेटे आदित्य और अन्य शिवसेना विधायकों के साथ आए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनने पर बधाई दी।
बयान से क्यों निकाले जा रहे कई मतलब?
महाराष्ट्र में अब नगर निगम का चुनाव होना है। इसमें बीएमसी भी शामिल है। बीएमसी में अविभाजित शिवसेना की तूती बोलती रही हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे की शिवसेना के आगे और अधिक झुकने का जोखिम नहीं उठा सकते।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों का मानना है कि हालिया कदम शिवसेना (यूबीटी) द्वारा देवेंद्र फडणवीस के करीब आने का प्रयास मात्र नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हाल ही में उसके और एमवीए सहयोगी कांग्रेस के बीच उत्पन्न हुए टकराव को देखते हुए एकनाथ शिंदे को परेशान करना भी है।
शिवसेना ने हाल ही में यह संकेत दिए हैं कि वो बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी। कांग्रेस की तरफ से भी ऐसी ही खबरें आ रहीं हैं। हालांकि शरद पवार गुट की तरफ से जा रहा है कि गठबंधन की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है।
और क्या बोले संजय राउत?
संजय राउत ने कहा, “हम बीजेपी में कुछ लोगों के अड़ियल स्वभाव के कारण एमवीए में शामिल हुए… अगर हम उन कारणों को देखें जिनके कारण 25 साल का गठबंधन टूटा, तो हमारा रुख सही था। हम बीजेपी से जो मांग कर रहे थे, वह हमारी पार्टी के टूटने के बाद एकनाथ शिंदे को दे दिया गया। अमित शाह ने हमारी मांग (शिवसेना के सीएम की) को खारिज कर दिया और शिवसेना को तोड़ने का फैसला किया।” जब संजय राउत से गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो वेट एंड वॉच करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं सही समय पर जवाब दूंगा… हम देख रहे हैं कि आगे क्या होगा।”