मुंबई: 2024 लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी के लिए महाराष्ट्र को सबसे अधिक मुश्किल राज्य माना जा रहा है। महाराष्ट्र में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति के 17 सीटों पर सिमटने के बाद बुधवार को दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में कोर कमिटी की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में लोकसभा चुनाव परिणामों के साथ आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई। बैठक के महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बैठक नतीजों और आगामी तैयारी बात हुई। हम जल्द घटक दलों के साथ बैठक करे चुनावी तैयारियों में जुटेंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी सरकार बचा पाएगी?
क्या ओवरटेक कर पाएगी बीजेपी?
लोकसभा चुनावों में आगे निकली महाविकास आघाड़ी की गाड़ी को वह पीछे कर पाएगी या फिर नहीं? लोकसभा के नतीजों पर नजर दौड़ाएं तो सबसे महायुति के वोट शेयर में 7.3 प्रतिशत की कमी आई, जबकि महाविकास आघाडी के वोट प्रतिशत में 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, हालांकि बीजेपी को अपना वोट प्रतिशत लगभग उतना ही बना रहा, लेकिन सहयोगियों के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने से उसकी सीटों की संख्या 23 से घटकर नौ रह गई।
बीजेपी के वोट प्रतिशत में मामूली गिरावट
2019 की तुलना में बीजेपी का वोट प्रतिशत काफी कम गिरा है लेकिन बीजेपी की सीटों की संख्या डबल डिजिट से सिंगल में आ गई है। महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए खुद से ज्यादा सहयोगियों का प्रदर्शन चिंतित कर रहा है। महाराष्ट्र में एक लोकसभा सीट में 6 विधानसभा सीटें आती है। लाेकसभा चुनावों में महाविकास आघाडी को राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में 154 सीटों पर बढ़त मिली थी जबकि महायुति 123 सीटों पर आगे है। राज्य विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 सीटों का है। ऐसे में महाविकास आघाडी को बहुमत से 11 अधिक सीटों पर बढ़त मिली। निर्दलीय सांगली लोकसभा सीट को अगर महाविकास आघाडी में जोड़ दे तो महायुति पर उसकी बढ़त 31 सीटों की हो जाती है। इसके अलावा अन्य 11 सीटों पर आगे रहे।
महायुति बनाम महाविकास आघाडी
महायुति के पास विधानसभा की कुल 185 सीटें हैं। इनमें 90 विधायक अपने क्षेत्रों में लीड नहीं दिलवा पाए। बीजेपी के विधायकों की संख्या 103, शिवसेना (शिंदे) के पास 42 और अजित पवार की एनसीपी के पास 40 विधायक है। बीजेपी को सिर्फ 55 क्षेत्रों में लीड मिली। शिवसेना को 22 और एनसीपी को सिर्फ 17 विधानसभा में लीड मिली। महायुति के लिए यही सबसे अधिक चिंताजनक है कि उसके आधे विधायक एक तरीके से लोकसभा चुनावों में पीछे रहे। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को कुल 48 सीटों में 9 सीटें मिली हैं। शिवसेना और एनसीपी को 7 और 1 सीट मिली है। बाकी 31 सीटें पर महाविकास आघाडी ने कब्जा जमाया है।