नई दिल्ली: महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के विधानसभा चुनाव की तैयारियां का असर बजट सत्र में दिखने लगा है। बजट में दो राज्यों के अलावा अन्य राज्यों की उपेक्षा को कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के दलों के साथ मिलकर बड़ा मुद्दा बना दिया है। साथ ही रणनीति के तहत बजट बहस की शुरुआत हरियाणा व महाराष्ट्र की दलित महिला नेताओं से करवा कर सरकार को घेरने का प्रयास भी किया।
दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ मिलकर महाराष्ट्र व हरियाणा में वापसी का रास्ता तलाश रही है। यही वजह है कि पार्टी ने चुनावी तैयारियों के हिसाब से बजट सत्र में रणनीति अपनाई है। बजट आने के बाद से अब तक कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव), जेएमएम समेत अन्य दल केन्द्र सरकार पर उनके राज्यों की उपेक्षा का गंभीर आरोप लगा चुके हैं।
भाजपा पर चौतरफा हमला
राज्यसभा व लोकसभा में कांग्रेस, टीएमसी, सपा ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला है। कांग्रेस की ओर से दलित वर्ग की सांसद कुमारी शैलजा ने बजट बहस की शुरुआत की। उन्होंने हरियाणा को ध्यान में रखकर अग्निवीर योजना को समाप्त करने समेत कमजोर वर्ग की छात्रवृत्ति बंद होने जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरा। वहीं शशि थरूर ने कहा कि शिक्षा का बजट घटाकर 1.2 लाख करोड़ रुपए करने का मुद्दा उठा दिया।
देशभर में विरोध प्रदर्शन की तैयारी
बजट में भेदभाव के मुद्दे पर कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन की तैयारी भी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कहा है कि इस मुद्दे पर सडक़ से संसद तक विरोध किया जाएगा।