गोरखपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि कई मौकों पर आरएसएस को बदनाम करने की साजिश की गई है. उन्होंने कहा कि मजहब के नाम पर आबादी बढ़ाकर मुल्क को तोड़ने की खतरनाक साजिश की जा रही है इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना जरूरी है. डॉ. इंद्रेश ने यह भी कहा कि देश के हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है.
गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. इंद्रेश ने कहा कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने 20 साल का सफर तय किया है. देशभर में आज 10 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य हैं और 7000 से अधिक पदाधिकारी हैं. गोहत्या बंद करने के लिए 10 लाख से अधिक मुस्लिमों ने हस्ताक्षर किया और इसका ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा गया. मंच का मिशन है कि भारत में मजहब के नाम पर दंगा न हो और दूसरे के धर्म की इज्जत करो. हम सब का डीएनए एक था, एक है और एक रहेगा.
भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून की वकालत करते हुए डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा, आज दुनिया में 800 करोड़ से अधिक की आबादी है; जबकि 650 करोड़ आबादी होनी चाहिए. पूरी दुनिया बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने को लेकर कानून बना रही है. मजहब के नाम पर आबादी बढ़ाकर मुल्क को तोड़ देंगे; यह खतरनाक साजिश है.
डॉ इंद्रेश ने आगे कहा, जनसंख्या नियंत्रण बेहद जरूरी है जिससे सबको समान रूप से पढ़ाई-लिखाई के साधन मिल सकें. मालिक ने कहा था कि इतनी ही संतान पैदा कर जिनको लायक बना सको. डॉ इंद्रेश ने लव जिहाद के मुद्दे पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, दुनिया में विवाह और निकाह ईश्वर तय करता है. इसमें किसी भी तरह की बेईमानी करना ईश्वर के प्रति गद्दारी करना है; इसलिए लव जिहाद जो भी चीजें सामने आई हैं, वह गलत हैं.
एक सवाल के जवाब में कहा कि आरएसएस को बदनाम करने की साजिश समय-समय पर कुछ लोगों ने रची है. उन्होंने कहा कि सत्ता आएगी तो जुर्म होगा, पर 5 साल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार रही और मौजूदा दौर में करीब 9 साल नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में हैं. इस सरकार में सभी धर्म वर्ग जाति के लिए समान रूप से काम हो रहा है. लोग चाहते थे कि अल्पसंख्यक और आरएसएस लड़ते रहे; पर वे अपने मकसद में फेल हो गए.