जयपुर: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को अपने ही सरकार के खिलाफ अनशन कर खुद का पावर दिखा दिया। अनशन खत्म करने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। यूं कहे तो सचिन पायलट ने सरकार के साथ-साथ पार्टी आलाकमान को भी चनौती दे डाली है। राजस्थान की सियासत में उन्होंने अलग लकीर खींचने की कोशिश की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सचिन पायलट के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पावर का प्रयोग करेगी या बयानबाजी से ही काम चलाएगी!
अनशन समाप्त करने के बाद सचिन पायलट ने क्या कहा
अनशन समाप्त होने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि 2018 में सत्ता में आने से पहले हमने लोगों को आश्वस्त किया था कि ( हमारी सरकार आने पर ) तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के चार साल से अधिक के कार्यकाल के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है।
अब क्या करेगी कांग्रेस पार्टी
सचिन पायलट के अनशन को लेकर जिस तरह कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है, उससे तो यही लग रहा है कि उनके ( Sachin Pilot ) अनशन को पार्टी विरोधी माना है। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सचिन पायलट के इस कदम को पार्टी विरोधी बताया है।
सचिन पायलट के पास क्या है विकल्प
कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उनके पास क्या विकल्प है। यह सबसे बड़ा सवाल है। सचिन पायलट के पास फिलहाल दो ही विकल्प है। फिलहाल पार्टी में बने रहें और अगले ऐक्शन पर नजर बनाए रखें। दूसरा ये कि पार्टी एक्शन ले उससे पहले ही अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दें। हालांकि सचिन पायलट के रुख को देखकर ऐसा लगता है कि वे अभी वेट एंड वाच के मूड में हैं।
वेट एंड वाच के मूड में क्यों रहेंगे सचिन
सियासी जानकार बताते हैं कि अगर सचिन पायलट आनन-फानन में पार्टी छोड़ने के ऐलान करते हैं तो पार्टी समर्थकों में गलत संदेश जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता कहेंगे कि अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर सचिन पायलट ने पार्टी छोड़ दी। वहीं अगर कांग्रेस पार्टी खुद आगे बढ़कर सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करती है तो सचिन पायलट को विधानसभा चुनाव में सहानुभूति मिल सकती हैं।