नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में शनिवार (22 जून) को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक हुई. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है और अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है.
उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है. अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है.
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी!
सीतारमण ने कहा, ”जीएसटी का इरादा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था. अब राज्यों को दर तय करनी है. मेरे पूर्ववर्ती (अरुण जेटली) की मंशा बहुत साफ थी, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं.”
राज्यों को दर तय करनी होगी
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए. उन्होंने कहा, ”इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है. अब सिर्फ यह फैसला करना है कि राज्य जीएसटी काउंसिल में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे.”
8 महीने बाद हुई GST काउंसिल की बैठक
जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक 22 अप्रैल, 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई. यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में हुई जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक थी. इससे पहले जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक करीब 8 महीने पहले अक्टूबर, 2023 में हुई थी.
अगस्त में होगी अगली बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाकी एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए एक मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन हुआ है, जो अगस्त में जीएसटी काउंसिल को रिपोर्ट देगा.