नई दिल्ली: इजरायल की सेना गाजा में हमास के ठिकानों पर कहर बनकर टूट पड़ी है। फाइटर जेट की मदद से हवाई हमलों के बाद इजरायल के सैनिकों ने टैंकों की मदद से अब गाजा के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक करके कई हमास आतंकियों को मार गिराया है। इस भीषण युद्ध के बीच इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारत से मांग की है कि फलस्तीनी गुट हमास को आतंकी संगठन घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया के कई अन्य देशों का अनुसरण करते हुए हमास को आतंकी संगठन घोषित करना चाहिए। हर संकट में भारत की मदद करने वाले इजरायल की इस मांग पर विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ऐसा नहीं करने जा रहा है। उन्होंने इसकी बड़ी वजह भी बताई है। आइए जानते हैं पूरा मामला
पश्चिम एशियाई मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि हमास ने किसी दूसरे मुल्क में हमला नहीं किया है और जहां तक इजरायल की बात है तो फलस्तीनी गुटों का कहना है कि इजरायल आतंकी देश है जो उनकी जमीन पर कब्जा करके बैठा है। उन्होंने कहा कि भारत किसी के भी आंतरिक मामलों हस्तक्षेप नहीं करता है। उन्होंने कहा कि भारत आतंक के खिलाफ है और इसी वजह से पीएम मोदी ने इजरायल पर हमले को आतंकी घटना बताया लेकिन हमास का नाम नहीं लिया। भारत ने जो बयान जारी किया, उसमें भी हमास का जिक्र नहीं है।
‘यासिर अराफात ने भारत से कही थी बड़ी बात’
कमर आगा ने बताया कि सऊदी अरब जैसे कई देश हमास को मान्यता नहीं देता है। इसकी वजह धार्मिक है। हमास राजवंश का विरोध करते हैं जबकि सऊदी अरब में राजा का शासन है। सऊदी अरब हमास के साथ कोई संबंध नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि फलस्तीनी मानते हैं कि भारत इस पूरे संकट में अच्छी भूमिका निभा रहा है। यही नहीं भारत एक बड़ा मुल्क है और खुद को विश्वगुरु मानता है। इजरायल से उसके अच्छे संबंध हैं। इससे पहले जब भारत ने इजरायल को मान्यता दी थी तब तत्कालीन फलस्तीनी नेता यासिर अराफात ने कहा था कि यह आपका संप्रभु फैसला है और आपके साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। आपकी इजरायल से दोस्ती हो रही है तो इसका हमें फायदा होगा।
आगा ने बताया कि भारत की इजरायल और फलस्तीन को लेकर बहुत साफ नीति है। भारत का हमास के साथ कोई संबंध नहीं है। भारत की नीति है कि वह फलस्तीन का समर्थन करता है लेकिन आतंकवाद का विरोध करता है। भारत इस पूरे मामले में शांतिपूर्ण तरीके से हल चाहता है। भारत इजरायली कब्जे और आतंकवाद दोनों के खिलाफ है। भारत अरब देशों के आंतरिक मामले में नहीं बोलता है। भारत इन देशों में विकास में विश्वास करता है। बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी हाल ही में अपने बयान में यह साफ कर दिया था।
हमास को कौन-कौन से देश मानते हैं आतंकी ?
इजरायली राजदूत का कहना है कि अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय यूनियन के देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित किया है। उन्होंने कहा कि हमने ऐसा नहीं है कि हमास को लेकर पहली बार कहा है। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई की वजह से हमास को आतंकी संगठन घोषित करना जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने इस हमले के बाद पूरे मुद्दे को उठाया है। हम भारत के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। हमास के इस हमले में 1400 इजरायली और अन्य देशों के नागारिक मारे गए थे।