पटना: बिहार की सियासत मौसम की तरह बदल जाती है। लालू यादव ने इशारों-इशारों में ये संकेत दे दिया है कि फिर से यहां समीकरण बदल सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए उनके ‘दरवाजे हमेशा खुले’ हैं।
भले ही लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच कभी दोस्ती, तो कभी दुश्मनी का सिलसिला चलता रहा, मगर 2005 के बाद नीतीश ने जबसे कुर्सी संभाली किसी और को अपने सामने टिकना तो दूर, पनपने भी नहीं दिया। लालू भी उनके सियासी काबिलियत को बखूबी समझते हैं, ऐसे में वो जानते हैं कि नीतीश के साथ मिलकर ही वो सूबे की सियासत में भाजपा को पटखनी दे सकते हैं।
नीतीश के लिए लालू ने अपनाए नरम तेवर
नीतीश कुमार हाल ही में राजद व कांग्रेस के साथ वाले महागठबंधन से नाता तोड़कर कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए। जदयू अध्यक्ष के विरोधी खेमे में जाने के बाद प्रदेश में सत्ता गंवाने वाले वाली राजद के अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। दोनों नेताओं को बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा परिसर के अंदर गर्मजोशी से हाथ मिलाते देखा गया, जहां लालू राज्यसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों मनोज झा और संजय यादव के नामांकन दाखिल करने के समय उनका मनोबल बढ़ाने गए थे।
‘नीतीश कुमार के लिए खुला है दरवाजा’
जब प्रसाद से कुमार से फिर से साथ आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अब आएंगे तो देखेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू प्रमुख के लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है, राजद प्रमुख ने कहा, ‘दरवाजा खुला ही रहता है।’
जदयू ने लालू पर किया तीखा पलटवार
इस बीच जदयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, ‘लालू जी कहते हैं कि दरवाजे अब भी खुले हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि दरवाजे पर अलीगढ़ का मशहूर ताला लगा दिया गया है। हमारे नेता नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब भी राजद ने हमारे साथ सत्ता साझा की है, वह भ्रष्टाचार में लिप्त रही है। वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है।’