नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की गुरुवार को पहली बार बैठक हुई. वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुलाह रहमानी इस मुद्दे पर गुरुवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी मुलाकात नायडू और नीतीश से हुई है. दोनों ने कहा है कि हम इस बिल की मुखालफत करेंगे.
वक्फ (संशोधन) विधेयक ललन सिंह ने क्या कहा था?
वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेडीयू नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा है कि वक्फ बोर्ड कानून से बनी हुई संस्था है और कानून से बनी हुई कोई भी संस्था अगर निरंकुश होगी, तो उसमें पारदर्शिता लाने का सरकार को हक है इसलिए वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को आना चाहिए ताकि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता आए. यह अच्छी बात है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया है. इससे पता चलता है कि सरकार की मंशा साफ है और वह व्यापक चर्चा चाहती है.
विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की पहली बैठक
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की पहली बैठक में अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालयों के अधिकारियों ने समिति में मसौदा कानून में प्रस्तावित विभिन्न संशोधनों के बारे में जानकारी दी. बीजेपी सदस्य जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति को लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक की जांच करने का काम सौंपा है, जिस पर विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने विरोध जताया है. बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और तीखी बहस के बाद इसे संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया था. यह विधेयक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की पहली बड़ी पहल है जिसका उद्देश्य एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार करना है.