नई दिल्ली: रुपए में लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट देखने को मिली है. करेंसी मार्केट में लगातार दो दिनों में रुपया 51 पैसे टूट चुका है. जिस तरह से 2 जून को रुपए ने पॉजिटिव तरीके से शुरुआत की थी. ऐसा लग रहा था कि मई की सारी गिरावट जून के कुछ कारोबारी दिनों में पूरी हो जाएगी. बीते दो दिनों के परफॉर्मेंस को देखकर ऐसा लग रहा है कि रुपए को एक बड़े सहारे की जरुरत है. वो सहारा आने वाले दिनों में देश का सेंट्रल बैंक आरबीआई बन सकता है.
उसका कारण भी है. बुधवार से आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक शुरू हो चुकी है. 6 जून को आरबीआई एमपीसी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है. जोकि 25 बेसिस प्वाइंट से लेकर 50 बेसिस प्वाइंट तक हो सकता है. जिसकी वजह से रुपए को बूस्ट मिलता हुआ दिखाई दे सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
दो दिनों में रुपया हुआ धराशाई
बुधवार को लगातार दूसरे सत्र में रुपया कमजोर हुआ और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 29 पैसे की गिरावट के साथ 85.90 (अनंतिम) पर बंद हुआ. जोखिम से बचने की भावना और विदेशी फंड की निकासी के कारण यह गिरावट आई. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण स्थानीय मुद्रा दबाव में रही. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.69 पर ओपन हुई और दिन के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.69 के हाई लेवल और 86.05 के लोअर लेवल के बीच घूमती रही.
डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 29 पैसे कम है. मंगलवार को रुपया 22 पैसे कमजोर होकर 85.61 डॉलर पर बंद हुआ था. स्थानीय मुद्रा में लगातार दूसरे सत्र में गिरावट दर्ज की गई और डॉलर के मुकाबले इसमें 51 पैसे की गिरावट आई. इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है, 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.11 पर कारोबार कर रहा था.
शेयर बाजार में आई तेजी
ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल वायदा कारोबार में 0.41 फीसदी बढ़कर 65.90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 260.74 अंक या 0.32 फीसदी बढ़कर 80,998.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 77.70 अंक या 0.32 फीसदी गिरकर 24,620.20 पर बंद हुआ. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 2,853.83 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.
घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, मई में भारतीय सेवाओं की वृद्धि मोटे तौर पर स्थिर रही और इसे स्वस्थ मांग की स्थिति, नए ग्राहक मिलने और अधिक स्टाफिंग क्षमता का समर्थन मिला. मई में मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 58.8 पर था, जो अप्रैल के 58.7 से थोड़ा ऊपर था और विस्तार की एक और तेज दर का संकेत था.
रुपए को आरबीआई से आस
निवेशक रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणाओं से भी संकेतों का इंतजार कर रहे हैं. रिजर्व बैंक के दर-निर्धारण पैनल ने बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी पर अपना तीन दिवसीय मंथन शुरू किया और इसके नतीजे 6 जून को घोषित किए जाने हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई शुक्रवार को रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है और अगली नीति में भी इसी तरह की कटौती कर सकता है. एसबीआई रिसर्च को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जून में ही 50 आधार अंकों की “जंबो” दर कटौती करेगा. जिसकी वजह से रुपए को बड़ा फायदा हो सकता है.