टिहरी गढ़वाल: विधायक किशोर उपाध्याय… टिहरी से भाजपा के विधायक हैं। चुनाव जीतने के बाद अक्सर नेताओं और विधायकों को सुख सुविधाओं के बीच रहने की आदत पड़ ही जाती है। फिर उनको विकास से कोई खासा फर्क नहीं पड़ता। मगर किशोर उपाध्याय ने मिसाल कायम की है।
उन्होंने देहरादून में उनको आवास न आवंटित करने की दरख्वास्त की है। उन्होंने निवेदन करते हुए पत्र में यह भी लिखा कि अगर उनको देहरादून में कोई आवास आवंटित है तो उसको निरस्त कर दिया जाए। उनकी यह पहल अब कई लोगों का दिल जीत रही है। लोग इसको कम से कम पहाड़ के विधायकों के लिए एक उदाहरण के तौर पर देख रहे हैं। दरअसल पहाड़ विधायक तो छोड़िये प्रधान बनते ही उनका देहरादून या हल्द्वानी में आवास बन जाता है। फिर उनका मकसद पहाड़ों पर विकास करने का नहीं बल्कि ऐशोआराम की ज़िंदगी बन जाता है।
पहाड़ के जनप्रतिनिधियों की ठेकेदारी, दलाली और तमाम तरह की गतिविधियां देहरादून में ही पूरी होती हैं। तब पहाड़ के विधायक और जनप्रतिनिधि पहाड़ के प्रति चिंतित होने के बजाय मैदान में ही मस्त हो जाते हैं। लंबे समय से कई लोग देहरादून में विधायकों को आवास आवंटित करने का विरोध करते रहे हैं। उनका मानना है कि विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र में आवास आवंटित किया जाए, जिससे वह अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं से सीधे रुबरू हो सकेंगे। अब टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने इसकी पहल की है और तमाम विधायकों और जनप्रतिनिधियों के समक्ष मिसाल पेश की है।