भोपाल. मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने संविदाकर्मियों को बड़ा तोहफा दिया. सरकार प्रदेश के इन कर्मचारियों का वेतन 700 रुपये से लेकर 3 हजार रुपये तक बढ़ाने जा रही है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के डेढ़ लाख संविदाकर्मियों को फायदा होगा. सरकार ने उनके वार्षिक वेतन में ये वृद्धि 3.85 फीसदी की दर से की है. यह वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांग के आधार पर की गई है. इस वेतन वृद्धि के लिए साल 2023 में संविदा नीति के तहत निर्देश जारी किए गए थे. यह वेतन वृद्धि हर साल एक अप्रैल को की जाएगी. हालांकि, मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ का कहना है कि सरकार को जितनी वेतन वृद्धि करनी चाहिए थी, उतनी नहीं की है. सरकार ने मनमर्जी से ये बढ़ोतरी की है.
इस वेतन वृद्धि को लेकर मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ खुश नहीं है. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि भारत सरकार पूरे देश के लिए सीपीआई इंडेक्स 5.39 तय किया है. वित्त विभाग को सीपीआई इंडेक्स 5.39 जारी करना था. साथ में, प्रीतिवर्ष जैसा नियमित कर्मचारियों का 3 प्रतिशत का इंक्रीमेंट लगता है, वो आदेश भी जारी करना था. मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने भारत सरकार के सीपीआई इंडेक्स से हटकर अपनी मनमर्जी से सीपीआई इंडेक्स जारी किया है.
इतने कर्मचारियों को होगा फायदा
गौरतलब है कि, प्रदेश के डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा. ये कर्मचारी लंबे समय से इस वेतन वृद्ध का इंतजार कर रहे थे. इसका सबसे ज्यादा फायदा सहायक प्रबंधकों को होगा. उनके वेतन में करीब 2535 रुपये की वृद्धि होगी. जबकि, सहायक यंत्री के वेतन में 2169 रुपये की बढ़ोतरी होगी. वित्त सहायक परियोजना का वेतन 2160 रुपये बढ़ेगा. प्रोग्रामर के वेतन में 2160 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी.